Internet Facility in Noida Government Schools: कोरोना काल मे सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चों की शिक्षा हुई है. ऑनलाइन क्लास से बच्चों को उतनी बेहतर शिक्षा नहीं मिल पा रही है जितनी उन्हें मिलनी चहिए. लेकिन, जरा सोचिए उन स्कूलों के बारे में जहां इंटरनेट सुविधा ही ना हो तो बच्चों की पढ़ाई का क्या हाल होगा. आपको जानकर हैरानी होगी कि प्रदेश की सबसे हाईटेक सिटी नोएडा में 514 प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कस्तूरबा गांधी स्कूल हैं लेकिन अधिकांश स्कूलों में इंटरनेट सेवा उपलब्ध नहीं है.  


स्कूलों में इंटरनेट सेवा उपलब्ध नहीं है
नोएडा और ग्रेटर नोएडा के तमाम सरकारी स्कूलों में इंटरनेट सेवा उपलब्ध नहीं है. एबीपी गंगा की टीम नोएडा सेक्टर 15 के नया बांस स्थित प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय पहुंची. टीम ने प्रिंसिपल से इंटरनेट सेवा उपलब्ध ना होने पर ऑनलाइन क्लास कैसे बच्चों को दी जा रही है इस बारे में बात करनी चाही. इस दौरान एबीपी गंगा की टीम से कैमरा बंद कर बाहर जाने के लिए कहा गया. साथ ही ये भी कहा गया कि, 'हम क्यों बताएं, आप कौन होते हैं जानने वाले'. प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय में प्रिंसिपल समेत तीन लोग मौजूद थे. ऐसे में ये भी सवाल था कि आखिरकार अन्य टीचर कहां हैं. इस बारे में भी पूछा गया तो कोई कुछ बताने को तैयार नहीं था. 


कैमरे पर बोलने से किया मना 
इसके बाद एबीपी गंगा की टीम नोएडा के सेक्टर 31 निठारी गांव स्थित प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय पहुंची. वहां के प्रिंसिपल से बात कर ये जानने की कोशिश की गई कि आपके यहां इंटरनेट सेवा उपलब्ध है या नहीं. तो उन्होंने बताया कि पिछले 2 सालों से उनके यहां इंटरनेट सेवा उपलब्ध नहीं है. क्योंकि, जब स्कूल खुला नहीं तो उन्होंने इसकी जरूरत नहीं समझी. लेकिन, जब ऑनलाइन क्लास की बात कही गई तो प्रिंसिपल ने कहा कि हमारे टीचर अपने मोबाइल से क्लास चला रहे हैं. जब हमने उनसे कैमरे पर बात करने की कोशिश की तो उन्होंने बोलने से मना कर दिया. 


समस्या तो है
इसके बाद हमारी टीम नोएडा के सेक्टर 45 छलेरा गांव के सरकारी स्कूल पहुंची और वहां जानने की कोशिश की गई कि आखिर यहां इंटरनेट सेवा उपलब्ध है या नहीं. यहां बताया गया कि हमारे यहां डोंगल है जिसे रिचार्ज कर इंटरनेट सेवा ले रहे हैं. टीचर अपने मोबाइल के जरिए ग्रुप पर नोट भेज देते हैं जिन्हें बच्चे पढ़कर अपना होमवर्क पूरा कर रहे हैं. साथ ही दूरदर्शन पर 11:00 से 1:00 तक क्लासेज चलाई जा रही हैं, जिसका लाभ ग्रामीण बच्चे ले सकते हैं. वहीं, जिन बच्चों के पास फोन नहीं है या फिर उन्हें इंटरनेट सेवा नहीं मिल पा रही तो उन बच्चों को अन्य बच्चों के जरिए कॉपी व नोट्स देकर उनका कोर्स पूरा कराया जा रहा है. लेकिन, यहां भी टीचरों ने भी माना कि समस्या तो है. 


बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कही ये बात 
फिलहाल, इस पूरे मामले को लेकर हमने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से बात कर ये जानने की कोशिश की कि आखिरकार जिले में 514 सरकारी स्कूल हैं और अधिकांश स्कूलों में इंटरनेट सेवा उपलब्ध नहीं है तो उन्होंने बताया कि अधिकांश स्कूलों में इंटरनेट सेवा उपलब्ध है जिनमें उपलब्ध नहीं है उनमें उपलब्ध कराई जा रही है. जब हमने उनसे कहा  कि 514 स्कूलों में से अधिकांश स्कूलों में इंटरनेट सेवा उपलब्ध नहीं है हमने खुद देखा है तो उनका कहना था कि हम कोशिश कर रहे हैं और बच्चों को उचित शिक्षा मिले इसके लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है. जब उनसे पूछा गया कि जिन बच्चों के पास फोन और इंटरनेट की सेवा उपलब्ध नहीं है, उन्हें कैसे पढ़ाया जा रहा है, उन्हें कैसे ऑनलाइन क्लास से जोड़ा जा रहा है. इस सवाल पर बेसिक शिक्षा अधिकारी के पास भी कोई जवाब नहीं था. उन्होंने कहा कि हम लिंक उपलब्ध करा देते हैं. बच्चों से नोट्स दिलवाकर उनका भी कोर्स पूरा करा रहे है.


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