UP: अब भाषा की बाधा, शिकायत समझने में आड़े नहीं आएगी, डायल 112 कंट्रोल रूम की अनोखी पहल
डायल 112 पर पुलिस के पास ग्रामीण क्षेत्रों से भी शिकायतें पहुंचती हैं. लेकिन भाषा को समझने में अक्सर दिक्कतें पेश आती हैं. वहीं, अब पुलिस विभाग ने इस समस्या को दूर करने की पहल की है.
लखनऊ. मिशन शक्ति के तहत उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक अनोखी शुरुआत की है. अब भाषा की बाधा पुलिस की मदद में आड़े नहीं आएगी. पुलिस के 112 कंट्रोल रूम पर अब उत्तर प्रदेश में बोली जाने वाली किसी भी भाषा में शिकायत दर्ज कराई जा रही है.
क्षेत्रीय भाषा में कर सकेंगे शिकायत
रोजाना 15 से 17000 लोगों की मदद करने वाले वाली यूपी पुलिस की 112 सेवा ने एक अनोखी शुरुआत की है. 112 पर प्रदेश में बोली जाने वाली हर क्षेत्रीय भाषा, अवधी बुंदेलखंडी, भोजपुरी जैसी हर भाषा में शिकायत को सुनने के लिए हेल्प डेस्क बनाई गई है. दरअसल बीते लंबे समय से प्रदेश के दूरदराज के इलाकों से मिलने वाली क्षेत्रीय भाषाओं में शिकायतें पुलिस मदद में देरी बन रही थी. भोजपुरी में मदद मांगने वाले गांव के व्यक्ति जब 112 पर फोन करते हैं तो उनके द्वारा बोली गई भाषा पुलिस के कॉल टेकर को समझने में देर होती थी. इसी समस्या का निदान निकाला गया है. प्रदेश में चल रहे मिशन शक्ति के तहत पुलिस के 112 कंट्रोल रूम पर क्षेत्रीय भाषाओं की हेल्प डेस्क की शुरुआत की गई है.
अलग भाषाओं की डेस्क
112 कंट्रोल रूम में काम करने वाले पुलिसकर्मियों को उनकी भाषाओं के हिसाब से डेस्क पर बैठाया गया है. यानी अगर कोई बुंदेलखंडी भाषा में बोलकर पुलिस की मदद मांगेगा तो वो कॉल बुंदेली हेल्प डेस्क पर ही ट्रांसफर कर दी जाती है. पुलिस वाला भी उससे बुंदेलखंडी में ही बात कर पूरी जानकारी हासिल करेगा और जिससे जल्दी मदद पहुंच सकेगी.
अफसरों का कहना है कि ग्रामीण इलाके से मदद मांगने वाले को जब पुलिसवाला उसी की भाषा में बात करता है उसको मदद का भरोसा मिलता है. लिहाजा न सिर्फ दोनों के बीच विश्वास का रिश्ता बनता है बल्कि पुलिस की मदद भी जल्दी पहुंचती है.
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