देहरादून, एबीपी गंगा। भारी बरसात, भीषण गर्मी या शर्दियों की शीतलहर का प्रकोप हो, पुलिसकर्मी की न ड्यूटी बदलती है न ही किरदार। आलम ये है कि अब पुलिसकर्मी अपने थाना चौकियों में नहीं बल्कि आफिसों में कार्य करना पसंद करने लगे हैं। ये हम नहीं आईआईपीसी यानी की इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइकोमेपि की रिपोर्ट बयां कर रही है। देखिये ये स्पेशल रिपोर्ट।


वैसे तो हर पुलिस कर्मी एक बार थाना-चौकियों में अपना रूतबा बनाने के लिए इच्छुक रहता है लेकिन हाल के कुछ सालों में ये रूतबा तो रहा लेकिन पुलिसकर्मी अब अपनी ड्यूटी से बचते दिखे हैं, जी हां आईआईपीसी के सर्वे में राज्य के करीब 1200 थाना चौकियों की पुलिसिंग से बातचीत की जिसमे ये बड़ा चौकाने वाला खुलासा सामने देखने को मिला है। राज्य में पुलिसिंग अब थाना चौकियों के लिए नहीं बल्कि ऑफिस में बैठकर काम करना पसंद करते हैं।


रिपोर्ट की पुष्टि करने के लिए हमने जाना, क्या उनकी मन में पीड़ा है जिस कारण आज वो थाना चौकियों में काम करना नहीं चाहते।


वहीं जब मामले में डीजी अशोक कुमार से बात की गयी तो उन्होंने भी माना की पुलिसिंग में अब दिक्क्तें तो हैं, जिनमे कई को दूर किया तो नहीं जा सकता लेकिन पुलिस की लिविंग कंडीशन और वर्किंग कंडीशन में बदलाव के प्रयास किये जा रहे हैं।


आलाधिकारी भी मानते हैं कि पुलिसकर्मियों के साथ कई दिक्कतें हैं और कुछ हद तक कम करने की कोशिश की बात भी कर रहे हैं। लेकिन मानसिक रूप से परेशान पुलिसकर्मियों की जब तक छोटी छोटी दिक्क्तों को दूर नहीं किया जाएगा तब तक कैसे राज्य में पुलिसिंग अव्वल बनेगी, और कैसे गुनाहों पर लगाम लगेगी।