मेरठ, एबीपी गंगा: पश्चिमी यूपी में गन्ना किसानों का भुगतान हमेशा से बड़ा मुद्दा रहा है। सरकार किसी भी दल की क्यों न रही हो गन्ना किसानों की परेशानियां पूरी तरह से कभी खत्म नहीं हुईं। अब योगी सरकार ने हाईकोर्ट में हलफनामा देकर भरोसा दिया है कि गन्ना किसानों के बकाये पर ब्याज का भुगतान मिलों से कराएगी। भले ही यूपी सरकार ने किसानों के हित में कदम उठाया है, लेकिन अभी कई और मुश्किलें हैं जिनसे सरकार को पार पाना हैगा।


ताक पर नियम


यूपी में कुल 121 में से 42 शुगर मिल वेस्ट यूपी की हैं, जिनमें मेरठ मंडल की 16, सहारनपुर मंडल की 17 और मुरादाबाद मंडल के बिजनौर जिले की 9 हैं। पूरे प्रदेश के 2000 करोड़ के ब्याज के भुगतान में से वेस्ट यूपी की इन 42 मिलों का ही करीब 1000 करोड़ बकाया है। गन्ना किसानों के मुताबिक केन ऐक्ट में गन्ना मिलों पर पहुंचने के 14 दिन के भीतर अगर भुगतान नहीं किया जाता तब किसानों को ब्याज मिलेगा, लेकिन मिलें ऐसा नहीं करती हैं।


दरअसल, 30 साल से किसानों के साथ यही हो रहा हैं। सरकार किसी भी दल की रही हो कोई भी एक सीजन का पैसा उसी सीजन में नहीं कर पाई। 14 दिन में भुगतान कराने के नियम पर भी पूरी तरह अमल नहीं किया जा सका है।


उत्पादन के हिसाब से नहीं हुआ भुगतान


जानकारी के मुताबिक इस साल अभी तक शुगर मिलें करीब 130 लाख क्वींटल चीनी का उत्पादन कर चुकी हैं, लेकिन उस हिसाब से भुगतान नहीं किया गया है। इस बार मिलों में चीनी का उत्पादन भी ज्यादा हो रहा है, जिसकी एक वजह यह है कि हर साल गन्ना में रिकवरी करीब 10 रहती थी लेकिन इस बार वेस्ट यूपी की मिलों में आने वाले गन्ने में करीब 11.15 रिकवरी हैं।