कानपुर, प्रभात अवस्थी। लॉक डाउन में प्रवासी मजदूरों की घर वापसी का सिलसिला लगातार जारी है. ऐसे में कोई मजदूर पैदल अपने घरों तक न जाये इसके लिए प्रशासन ने बसों की व्यवस्था की है और सुरक्षित घर पहुंचने के सारे इंतजाम किये हैं. लेकिन बस में चल रहे स्टाफ की सुरक्षा के बारे में कोई सुध नहीं ले रहा है.


बस के ड्राइवर और कंडक्टर का कहना है कि वो लोग लगातार प्रवासियों को उनके घरों तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं लेकिन उनके लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है. न ही इन लोगों को मास्क, ग्लब्स या सैनिटाइजर दिया गया है. ये सभी चीजें ये लोग अपने पैसों से खरीद रहे हैं. यही नहीं जिस बस से ये लोग यात्रियों को ले जाने का काम कर रहे हैं, उसे भी सैनिटाइज नहीं किया जा रहा है. गाड़ियों की सफाई तक नहीं करवाई जा रही है.


सरकार के तमाम दिशा निर्देश के बाद भी लापरवाही की जा रही है. यही नहीं बस में चलने वाले स्टाफ की स्क्रीनिंग तक नहीं करवाई जा रही है. ये लोग नौकरी के बाद सीधे अपने घरों तक जा रहे हैं. जिससे इनके घरों तक संक्रमण का खतरा बढ़ने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है.


कोरोना महामारी के संक्रमण से बचाव के लिये सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है. लेकिन ये कोशिशें उस वक्त असफल होती नजर आने लगती हैं, जब व्यवस्था और सहूलियतें एक खास वर्ग तक सिमट कर रह जाती हैं.