देहरादून. उत्तराखंड की महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य के साथ आईएएस अधिकारियों की ऐसी नाराजगी सामने आ रही है कि एक महीने का वक्त होने को चला है और अभी तक उनके विभाग में ना तो सचिव की नियुक्ति हुई है और ना ही निदेशक की. अपर सचिव षणमुगम के साथ मंत्री रेखा आर्य के विवाद के बाद सचिव सौजन्या ने भी पद छोड़ दिया था. जिसके बाद अपर मुख्य सचिव मनीषा पवार को पद दिया गया था लेकिन उन्होंने भी 20 दिन होने के बाद भी इस पद को अभी तक नहीं ज्वाइन किया है.
कई योजनाएं अधर में लटकी
ऐसे में सचिव और निदेशक ना होने के चलते महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग की कई योजनाएं अधर में लटकी हैं और कैबिनेट में भी विभाग के मामले ले जाने में दिक्कतें हो रही हैं. हालांकि प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक का कहना है कि आईएएस अधिकारियों की नाराजगी से सरकारी नहीं चलती है, जिस भी अधिकारी को जिम्मेदारी दी जाएगी उन्हें पद ग्रहण करना पड़ेगा.
कैबिनेट मंत्री का दावा
महिला विकास एवं बाल कल्याण विभाग में भले ही एक महीने से सचिव और निदेशक का पद खाली हो लेकिन कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने इसे जल्द भरने का दावा किया है. इस मामले पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने कटाक्ष करते इशारों इशारों में मंत्री रेखा आर्य और उनके पति पर हमला किया है. हरीश रावत का कहना है कि आईएएस अधिकारियों को एक मंत्री नहीं बल्कि वन प्लस वन से रूबरू होना पड़ता है.
हरीश रावत का हमला
आईएएस अधिकारियों का बचाव करते हुए हरीश रावत ने कहा कि यह अधिकारियों के शिष्टाचार है कि वह खुलकर बातें बाहर नहीं करते हैं. हरीश रावत ने रेखा आर्य पर बड़ा हमला करते हुए कहा है कि जिनका भविष्य बनाने और राजनीति में स्थापित करने का कार्य उन्होंने किया है वह किस तरह लालच में पार्टी छोड़कर गए हैं, यह सब जानते हैं.
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