लखनऊ, एबीपी गंगा। बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल ने प्रदेश भर के शिक्षकों को चेतावनी दी है कि स्कूल अवधि के दौरान यदि कोई शिक्षक सोशल मीडिया पर सक्रिय पाया गया तो उसकी नौकरी जायेगी। वहीं दूसरी तरफ केजीएमयू के डॉक्टर्स, कर्मचारी और पैरा मेडिकल स्टाफ अब ड्यूटी टाइम में सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं करेंगे। बेसिक शिक्षा विभाग के बाद अब केजीएमयू में भी ऐसी व्यवस्था लागू करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस संबंध में बकायदा नोटिस भी जारी किया है। चिकित्सा अधीक्षक प्रो. बीके ओझा ने सभी विभागों को निर्देश भेजे हैं। हालांकि डॉक्टर्स अपने ऊपर लागू इस निर्देश को प्रैक्टिकल नहीं मानते।
चिकित्सा अधीक्षक की तरफ से भेजे गए पत्र में लिखा है कि कुछ विभागों में कार्यरत डॉक्टर्स, कर्मचारी, नर्सिंग स्टाफ ड्यूटी टाइम में मोबाइल पर व्हाट्सएप्प, फेसबुक का इस्तेमाल करते हैं, जो नियम विरुद्ध और अनुशासनहीनता है। इसीलिए सभी विभागाध्यक्षों और संकायाध्यक्षों को कहा गया है कि वो अपने अधीनस्थों को ऐसा न करने के निर्देश दें।
वहीं डॉक्टर्स का कहना है कि कई बार वो व्हाट्सएप्प या अन्य सोशल मीडिया पर किसी मरीज की रिपोर्ट शेयर करते हैं, दूसरे डॉक्टर्स से सलाह मशविरा करते हैं। कई बार स्टूडेंट्स को कोई संदेश देने के लिए व्हाट्सएप्प ग्रुप पर मैसेज किया जाता है। या और भी इस तरह के ऑफिशियल काम होते हैं। ऐसे में इस तरह का आदेश देना गलत है।