Noida के लोगों को जल्द मिल सकता है रोजगार, वेव ग्रुप की लौटाई जमीन को लेकर नोएडा अथॉरिटी लाने जा रही ये स्कीम
वेव ग्रुप ने लगभग 4.5 लाख वर्गमीटर जमीन लौटाई है, जिसपर अब दुकानें, होटल, मॉल और रेस्टोरेंट खोले जाएंगे. नोएडा प्राधिकरण जमीन के हिस्से को छोटे-छोटे प्लॉट में काटकर वाणिज्यिक स्कीम लाएगा.
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के नोएडा में वेव ग्रुप की लौटाई जमीन सालों से खाली पड़ी है. ना ही इसका कोई उपयोग हो रहा है और ना ही इसपर कोई निर्माण कार्य किया गया है. अब नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) ने सेक्टर-32 और सेक्टर 25 में वेव ग्रुप की जमीन छोटे छोटे प्लॉट में काटकर बेचने का मन बना लिया है. दरअसल वेव ग्रुप ने लगभग 4.5 लाख वर्गमीटर जमीन लौटाई है, जिसपर अब दुकानें, होटल, मॉल और रेस्टोरेंट खोले जाएंगे. नोएडा प्राधिकरण इस बड़े से जमीन के हिस्से को छोटे-छोटे प्लॉट के तौर पर काटकर वाणिज्यिक स्कीम लाएगा और फिर प्लॉट का काम पूरा होते ही इसे खरीदने कि योजना लॉन्च की जाएगी. इसकी मदद से लोगों को रोजगार के मौके भी मिलेंगे.
2011 में वेव ग्रुप ने ली थी जमीन
दरअसल यह पूरा मामला साल 2011 का है, जब नोएडा प्राधिकरण ने वेव ग्रुप को लीज होल्ड के आधार पर 6.18 लाख वर्गमीटर जमीन आवंटित किया था. जब यह जमीन वेव ग्रुप को आवंटित कि गई थी तब इसकी कीमत 1.07 लाख रुपए प्रति वर्ग मीटर थी जिसमे भुगतान कि राशि 16 अर्द्ध वार्षिक किस्तों में थी लेकिन इस बाद वेव ग्रुप ने 2016 में प्राधिकरण को 4.5 लाख वर्गमीटर जमीन वापस दी थी तबसे यह जमीन खाली पड़ी हुई थी. इसका कोई इस्तेमाल नहीं किया जा रहा था. बीते 6 सालों से खाली पड़ी जमीन को इस्तेमाल में लाने के लिए प्राधिकरण ने तय किया कि इस जमीन को बड़े टुकड़ों में नहीं बल्कि छोटे छोटे प्लॉट के साइज में बेच देंगे.
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शहर के लोगों को मिलेगा रोजगार
प्राधिकरण के इस प्लान को लेकर नोएडा प्राधिकरण कि सीईओ ऋतु माहेश्वरी ने बताया कि, वेव ग्रुप की लौटाई गई जमीन का इस्तेमाल वाणिज्यिक हब के तौर पर होगा, यानी इस जमीन को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटकर बेचा जाएगा. इससे प्राधिकरण को भी फायदा और शहर में लोगों को बेहतर सुविधा मिल सकेगी. फिलहाल अनुमान लगाया जा रहा है कि प्लॉट 10 से 12 हजार वर्गमीटर के होंगे जिसपर होटल और मॉल बनाए जा सकते हैं.
बता दे नोएडा प्राधिकरण ने 2021 में वेव ग्रुप की 1.08 लाख वर्गमीटर जमीन को निरस्त कर दिया था जिसमे वेव ग्रुप के दो टावरों को सील कर दिया गया था जिसके बाद यह नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल चला गया था, लेकिन वेव ग्रुप कि इस याचिका को एनसीएलटी ने खारिज कर दिया.
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