नोएडा: अयोध्या में बुधवार को हुए मंदिर निर्माण के भूमि पूजन को लेकर पूरे देश में उल्लास का माहौल बना हुआ है. एक तरफ जहां पूरी अयोध्या को सजाया गया है तो वहीं दूसरी तरफ रावण की जन्मभूमि माने जाने वाले बिसरख गांव में भी मंदिर के भूमि पूजन को लेकर खुशी का माहौल है. लंकापति रावण की पूजा करने वाले बिसरख गांव के लोगों ने अयोध्या में श्री रामजन्म भूमि मंदिर निर्माण के लिए न सिर्फ अपने यहां की मिट्टी भेजी है बल्कि पूरे देश के साथ मिलकर बुधवार को भगवान श्रीराम के नाम का जप भी किया.


उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले में स्थित बिसरख गांव के लोगों का मानना है कि ऋषि विश्वश्रवा और राक्षस कन्या कैकसी के पुत्र रावण का जन्म उनके गांव में हुआ था. रावण को बेटा मानते हुए गांव के लोग यहां कभी रामलीला का मंचन नहीं करते, यहां दशहरे में कभी रावण दहन नहीं हुआ. लेकिन इस बार गांव में रावण की पूजा की पुरानी परंपरा के साथ ही श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण की खुशियां भी मनाई जा रही हैं.


हिंदू रक्षा सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अशोकानंद महाराज ने बताया कि रावण के मंदिर से मिट्टी भरा कलश भगवान राम की नगरी अयोध्या पहुंच गया है. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर पूरे गांव में उत्साह है. इतना ही नहीं, गांव के लोगों ने अपने-अपने घरों में दीप जलाकर दीपावाली मनाने का फैसला किया है.



बिसरख गांव के पूर्व प्रधान अजय पाल ने बताया कि, ''हमारे गांव को रावण की जन्मस्थली माना जाता है. मान्यता है कि ऋषि विश्वश्रवा ने गांव में अष्ट भुजाधारी शिवलिंग की स्थापना कर, घोर तपस्या की थी, जिसके बाद रावण का जन्म हुआ.'' पूर्व प्रधान का कहना है कि, ''माना जाता है कि गांव के मंदिर में स्थापित शिवलिंग वही है'' उन्होंने बताया कि, ''गांव का नाम पहले विश्ववेश्वरा था. बाद में अपभ्रंश होकर बिसरख हो गया. इस गांव का जिक्र पुराणों में भी है.''


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