81 गांवों के किसानों का नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ हल्ला बोल, दफ्तर पर तालाबंदी का किया ऐलान
Farmers Protest: बीकेयू ने ऐलान किया है कि इस बार किसान अपना हक लेकर ही जाएंगे. चाहे उन्हें जेल में डाला जाए या लाठियां मारी जाए वो पीछे हटने वाले नहीं है.
Farmers Protest: भारतीय किसान यूनियन मंच ने आज नोएडा प्राधिकरण के विरोध में प्रदर्शन करने का ऐलान किया है. इसके तहत नोएडा के 81 गांवों के किसानों ने आज प्राधिकरण पर तालाबंदी की घोषणा की है. किसानों का आरोप है कि वो प्राधिकरण के चक्कर लगाते-लगाते थक गए हैं लेकिन अधिकारी उनकी सुनने को तैयार नहीं है. इसलिए अब उन्हें उन्ही की भाषा में जवाब देने का समय आ गया है.
किसानों का कहना है कि प्राधिकरण ने 2021 में हुए आंदोलन में कहा था कि हम किसानों को विकसित 5 फीसद और 10 फीसद के प्लाट जल्द दे देंगे. इसके साथ ही आबादी निस्तारण के साथ गांवों के विकास पर भी जोर देंगे. वहीं किसानों की नक्शा नीति की मांग पर भी प्राधिकरण ने उचित कदम उठाने की बात कही थी. लेकिन, 2021 से 2024 खत्म होने जा रहा है लेकिन प्राधिकरण ने अपना एक वादा भी पूरा नहीं किया है.
नोएडा प्राधिकरण पर तालेबंदी की चुनौती
जिसके बाद अब किसानों ने प्राधिकरण के खिलाफ मैदान में उतरने की तैयारी कर ली है. किसान प्राधिकरण को उसका वादा याद दिलाने आ रहे है. अब सीधा सवाल है या तो किसानों के काम करो या फिर जाओ. उन्होंने ऐलान किया है कि इस बार वो अपना हक लेकर ही जाएंगे. किसानों ने कहा कि चाहे उन्हें जेल में डाला जाए या लाठियां मारी जाए वो पीछे हटने वाले नहीं है. अपना हक लेकर रहेंगे.
बता दें नोएडा प्राधिकरण के दो OSD ने किसानों से 13 अक्टूबर को बात कि थी और उन्हें एक बार फिर भरोसा दिलाने कि कोशिश की थी कि प्राधिकरण उनके मुद्दों पर विचार कर रहा है लेकिन, किसान आश्वासन पर नहीं लिखित और निश्चित तारीख चाहते थे. जिस वजह से बात बन नहीं पाई और किसानों ने 16 अक्टूबर को तालाबंदी का ऐलान कर दिया.
आर या पार के मूड में किसान
हालांकि इस ऐलान के बाद प्रशासन पूरी तैयारी में है कि किसानों को ताला बंदी नहीं करने दिया जायेगा. पुलिस अधिकारी लगातार किसान नेताओ से संपर्क कर रहे है उन्हें समझाने कि कोशिश कर रहे है लेकिन, किसान अपनी जिद पर अडे है. प्रशासन का कहना है कि अगर किसान शांति पूर्ण ढंग से प्रोटेस्ट करते है तो उनका स्वागत है लेकिन अगर कानून हाथ में लेने की कोशिश करेंगे तो सख्ती से पेश आया जाएगा.
वहीं दूसरी तरफ किसान भी अड़े हुए हैं. उनका कहना है कि वो पिछले कई सालों से सिर्फ झूठे आश्वासन लेकर जा रहे है लेकिन, इस बार ऐसा नहीं होगा क्योंकि किसान इस बार सर पर कफन बांध कर आया है या प्राधिकरण अपने वादे पूरे करे या फिर उन्हें जेल में डाल दे.