Russia Ukraine Crisis: यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध की वजह से उद्योग जगत पर भी असर पड़ती हुई नजर आ रही है. भारत में प्रतिवर्ष यूक्रेन और रूस से एक लाख 30 हजार करोड रुपये का गारमेंट्स कारोबार होता है, जिसमें लगभग 35000 करोड़ों का कारोबार सिर्फ नोएडा से होता है. यही वजह है कि इस युद्ध से नोएडा का कारोबार काफी ज्यादा प्रभावित हो सकता है. यही चिंता यहां के गारमेंट्स कारोबारियों को खाये जा रही है.


गौतम बुद्ध नगर के गारमेंट्स व्यापार एसोसिएशन के अध्यक्ष ललित ठकराल ने एबीपी गंगा से खास बातचीत के दौरान कहा कि अगर यह युद्ध जल्द ही नहीं रुका तो नोएडा के कारोबार पर पड़ा असर पड़ेगा और करीब 10 से 15 हजार करोड़ रुपये का नुकसान कारोबारियों को उठाना पड़ सकता है क्योंकि नोएडा भेज सबसे ज्यादा गारमेंट्स कारोबार होता है. ऐसे में गारमेंट्स कारोबार की अधिकांश सप्लाई यूरोप देशों में है जिसमें यूक्रेन रूस और दुबई अहम है. इस युद्ध का असर अभी कारोबार पर उतना नहीं पड़ा है, जितनी आशंका जताई जा रही है. लेकिन अगर युद्ध ऐसे ही चलता रहा तो गारमेंट्स कारोबार विनाश की तरफ चला जाएगा क्योंकि अभी कोरोना महामारी से उद्योग जगत पूरी तरह से उबर भी नहीं पाया था कि अब यूक्रेन और रूस के युद्ध ने उद्योग जगत को करारा झटका दिया है.


भारत और यूक्रेन के बीच 700 मिलियन डॉलर से ज्यादा का व्यापार


बता दें कि इंडिया और यूक्रेन के बीच 700 मिलियन डॉलर से ज्यादा का व्यापार होता है, जिसमें 8 मिलियन डॉलर का सिर्फ गारमेंट व्यापार होता है. यानी कपड़े का कारोबार होता है. वहीं रूस यानी रूस से ही 252 मिलियन डॉलर का कारोबार भारत करता है, जिसमें 57.90 मिलियन डॉलर सिर्फ गारमेंट का व्यापार होता है. रूस और यूक्रेन ज्यादातर माल दुबई के जरिए भी लेते हैं. 130 लाख करोड़ का दुनिया मे एक्सपोर्ट भारत करता है. इंडियन गारमेंट के क्षेत्र में 1515 मिलियन डॉलर का कारोबार सिर्फ UAE से करता है. गारमेंट्स कारोबारी विराट कुमार का कहना है कि अगर युद्ध जल्द ही नहीं रुका तो इसके काफी घातक प्रणाम उद्योग जगत में देखने को मिलेंगे. उन्होंने कहा कि अभी यह कारोबार कोरोना महामारी से उधर भी नहीं पाया कि ऐसे में रूस और यूक्रेन के युद्ध ने इस कारोबार की चिंता और बढ़ा दी है. इसलिए हर कारोबारी यही दुआ कर रहा है कि यह युद्ध जल्द से जल्द रुके. बता दें कि रूस और यूक्रेन में सबसे ज्यादा स्कार्फ की डिमांड है और गारमेंट्स के कारोबार में स्कार्फ भी बहुत एक्सपोर्ट होता है.


कारोबारी विराट कुमार ने कही ये बात


कारोबारी विराट कुमार ने एबीपी गंगा से खास बातचीत के दौरान कहा कि इस युद्ध का अर्थ अभी से ही इस कारोबार पर देखने को मिल रहा है लेकिन अगर यह युद्ध आगे चलता रहा और यूरोपियन कंट्री भी इस युद्ध में कूद गई तो भारत के उद्योग जगत में इसका बड़ा प्रभाव देखने को मिलेगा. उन्होंने बताया कि रूस और यूक्रेन से ही सिर्फ को दो से तीन करोड़ का कारोबार करते हैं अगर यूरोपियन कंट्री की बात करें तो 20 से 25 करोड़ का कारोबार होता है लेकिन जिस तरह से हालात बने हुए हैं उससे गारमेंट्स उद्योग में चिंता की लहर दौड़ गई है और हर कारोबारी यह सोचने पर मजबूर है कि आखिरकार आगे क्या होगा.


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