Noida News: केंद्र सरकार भारत को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने के लिए कई अहम कदम उठा रही है, इसी कड़ी में सरकार ने कई कदम भी उठाए हैं जिससे आम जनता को जागरूक किया जा सके. इसके साथ ही वातावरण को सिंगल यूज प्लास्टिक के दुष्प्रभाव से बचाया जा सके. अब एक और जहां सरकार देश भर में लोगो को सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर जागरूक करने की कोशिश कर रही है, वहीं नोएडा सेक्टर 22 में कुछ ऐसे बच्चे भी हैं जिनकी समझदारी आपको हैरान कर देगी. दरअसल सेक्टर 22 की झुग्गी में रहने वाले इन बच्चों ने ना कभी स्कूल की शक्ल देखी है और ना कभी स्कूल गए हैं. ज्यादातर बच्चों के माता-पिता कूड़ा बीनने का काम करते हैं या रिक्शा चलाते हैं, लेकिन फिर भी ये नन्हें बच्चे जानते हैं कि सिंगल यूज प्लास्टिक क्या होता है, और कचरे में फेकने से वातावरण को क्या नुकसान होता है.
बच्चे दे रहे समाज को संदेश
एक निजी संस्था में पढ़ने आए ये बच्चे कचरे की ढेरों से सिंगल यूज प्लास्टिक इकट्ठा करते हैं और फिर उसका इस्तेमाल करके हस्तशिल्प बनाते हैं. अक्सर जिन पानी की बोतल को पी कर हम फेंक देते हैं, ये बच्चे उसके ढक्कन से आर्ट और क्राफ्ट बनाते हैं.
क्या होता है सिंगल यूज प्लास्टिक
बता दें कि सिंगल यूज प्लास्टिक को इस तरह से बनाया जाता है जिसका इस्तेमाल एक बार ही किया जा सकता है, इसका मतलब है की एक बार अगर आपने इसका इस्तेमाल कर लिया तो दोबारा इसका प्रयोग नहीं किया जा सकता है. इस हिसाब से हमारी दैनिक जिंदगी में तमाम प्लास्टिक के उत्पाद सिंगल यूज प्लास्टिक को श्रेणी में ही आते हैं.
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