Cough Syrup Case: कफ सिरप बनाने वाली कंपनी के 3 स्टाफ नोएडा में गिरफ्तार, मालिक अब भी फरार
Noida News: उज्बेकिस्तान में नोएडा की कंपनी द्वारा बनाई जा रही कफ सिरप पीने से कई बच्चों की मौत हो गई थी और अब इस मामले में नोएडा में कंपनी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है.
Noida Cough Syrup Case: नोएडा में एक कंपनी के निर्मित कफ सिरप पीने से उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) में कथित रूप से 18 बच्चों की मौत के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. कोतवाली फेज-3 पुलिस ने गाजियाबाद (Ghaziabad) के ड्रग्स इंस्पेक्टर आशीष की शिकायत पर कम्पनी मैरियम बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. जिसके बाद कंपनी के ऑपरेशन हेड समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. जबकि कंपनी के मालिक और मालकिन को फरार बताया जा रहा है, उनकी तलाश की जा रही है.
पुलिस ने मैरियम बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड के ऑपरेशन हेड तुहीन भट्टाचार्य, मैन्युफैक्च रिंग केमिस्ट अतुल रावल और मूल सिंह पुत्र को बी-48, सेक्टर-67 से गिरफ्तार किया है. इनकी गिरफ्तारी गाजियाबाद के ड्रग्स इंस्पेक्टर आशीष के लिए गए दवा सैंपल की नमूनों के मानकों पर खरा ना पाए जाने के शिकायत के बाद की है.
इनके खिलाफ दर्ज हुआ है केस
सेंट्रल नोएडा के एडिशनल डीसीपी राजीव दीक्षित ने बताया कि शिकायत में कहा गया है कि सेक्टर 67 स्थित दवा कंपनी मैसर्स मैरियम बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड में निर्मित कफ सिरप को मानकों पर खरा नहीं पाया गया था. कंपनी की डारेक्टर जया जैन, सचिन जैन, ऑपरेशन हेड तुहीन भट्टाचार्य, मैन्युफैक्च रिंग केमिस्ट अतुल रावल और मूल सिंह के खिलाफ मुकदमा किया गया था. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तूहीन भट्टाचार्य, अतुल रावत और मूल सिंह को गिरफ्तार किया है. कंपनी के मालिक और मालकिन दोनों फरार हैं जिनकी तलाश की जा रही है, इनकी भी जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी.
पिछले साल चर्चा में आई थी यह कंपनी
मैसर्स मैरियम बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड 2022 में दिसंबर में चर्चा में आई थी जब कंपनी द्वारा बनाई गई सिरप पीने से उज्बेकिस्तान के 18 बच्चों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. उज्बेकिस्तान सरकार की सूचना के आधार पर भारत सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया था और कंपनी पर छापेमारी की थी. केंद्रीय एजेंसियों और उत्तर प्रदेश औषधि विभाग के एक दल ने पिछले साल 29 दिसंबर को यहां कंपनी के कार्यालय का निरीक्षण किया था जांच के लिए 36 नमूने लिए गए थे.
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