Noida Data Center Park: नोएडा में पहला 'डेटा सेंटर पार्क' तैयार, 15 अगस्त के बाद हो सकता है उद्घाटन
Noida Data Center Park: इस डेटा सेंटर पार्क को दो साल में तैयार कर लिया गया है. 15 अगस्त के बाद इसका उद्घाटन हो सकता है.
Noida Data Center Park: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में 5 हजार करोड़ रुपये की लागत से तैयार पहला 'डेटा सेंटर पार्क' (Data Center Park) शुरू होने के लिए तैयार है. हीरानंदानी समूह (Hiranandani Group) ओर से विकसित करीब 3 लाख स्क्वायर फीट परिसर में फैले इस डेटा सेंटर पार्क को महज 24 महीने में तैयार कर लिया गया है. स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के बाद इस डेटा सेंटर पार्क का लोकार्पण हो सकता है. ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) क्षेत्र में लाइव होने को तैयार इस अत्याधुनिक डेटा सेंटर की पहली बिल्डिंग को 'योट्टा डी-1' नाम दिया गया है.
इस एक डेटा सेंटर बिल्डिंग की कुल क्षमता 5000 सर्वर रैक की है. साथ ही 28.8 मेगावॉट आईटी पॉवर की सुविधा है, जिससे तकरीबन 48 घंटे का आईटी पॉवर बैकअप मिल सकेगा. तय परियोजना के अनुसार यहां कुल 6 डेटा सेंटर बिल्डिंग बनाई जानी है, जिसके बाद यहां कुल 30 हजार सर्वर रैक की क्षमता होगी और करीब 250 मेगावॉट बिजली का उत्पादन भी होगा. मालूम हो कि 'योट्टा' हीरानंदानी समूह का डेटा सेंटर संबंधी उपक्रम है.
दिसंबर 2020 में हुआ था शिलान्यास
बीते दिनों ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी-3 में आए हीरानंदानी समूह के मुखिया निरंजन हीरानंदानी ने कहा था कि देश और प्रदेश के आर्थिक विकास में पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ का योगदान बुलेट ट्रेन की तरह है. उन्होंने प्रदेश सरकार की नीति और नीयत की खुले मन से सराहना की थी. सरकार के साथ अपने अनुभव को मंच से साझा करते हुए उन्होंने बताया था कि अगस्त 2020 में हमारी बातचीत यूपी सरकार से शुरू हुई और अक्टूबर 2020 में हमें जमीन आवंटित हो गई. दिसंबर 2020 में परियोजना का शिलान्यास हुआ. जनवरी 2021 में परियोजना के लिए आवश्यक क्लियरेंस मिल गई और मार्च 2021 से डाटा सेंटर का निर्माण शुरू हो गया था.
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तीन और डेटा सेंटर हो रहे हैं तैयार
एक अनुमान के मुताबिक साल 2025 तक भारत का डेटा एनालिटिक्स उद्योग 16 बिलियन से अधिक हो सकता है. ऐसे में डेटा सेंटर इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार खास ध्यान दे रही है. डाटा सेंटर क्षेत्र की महत्ता को देखते हुए राज्य सरकार की ओर से जारी 2021 में उ.प्र. डाटा सेंटर नीति अधिसूचित की गई है. नीति के के तहत अलग-अलग निवेशकों की ओर से वर्तमान में लगभग 15,950 करोड़ रुपये से अधिक निवेश से 4 डाटा सेंटर पार्क की स्थापना का कार्य प्रक्रियाधीन है.
अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड की हैं दो परियोजनाएं
इनमें 9134.90 करोड़ के निवेश वाली हीरानंदानी समूह की मेसर्स एनआईडीपी डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, जापान की 1687 करोड़ रुपये के निवेश वाली मेसर्स एनटीटी ग्लोबल सेंटर्स एंड क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ-साथ 2414 करोड़ रुपये और 2713 करोड़ रुपये की दो परियोजनाएं अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड की हैं. पिछले 3 जून को संपन्न तीसरे ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में यह निवेश प्रस्ताव भी सम्मिलित थे. इन परियोजनाओं के शुरू होने से हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा.
फिलहाल देश के बाहर संरक्षित होता है अधिकांश डेटा
मालूम हो कि डाटा सेंटर नेटवर्क से जुड़े हुए कंप्यूटर सर्वर का एक बड़ा समूह है. बड़ी मात्रा में डाटा भंडारण, प्रोसेसिंग और वितरण के लिए कंपनियों की ओर से इसका उपयोग किया जाता है. सोशल मीडिया प्लेटफार्म मसलन फेसबुक, ट्विटर, वाट्सऐप, इंस्टाग्राम, यू-ट्यूब, बैंकिंग, खुदरा, स्वास्थ्य सेवा, यात्रा/पर्यटन और दूसरे ट्रांजेक्शन में बहुत अधिक डेटा पैदा होता है, जिसके संग्रहण के लिए डेटा सेंटर की बड़ी उपयोगिता है. वर्तमान में देश का अधिकांश डेटा देश के बाहर संरक्षित किया जाता है. अमेजन, एपल, गूगल, फेसबुक और माइक्रोसॉफ्ट की वित्तीय मजबूती में डेटा का बड़ा योगदान है.
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