नोएडा: सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कार्य कर रही EPCA ने दिल्ली-एनसीआर में बृहस्पतिवार से डीजल वाले जनरेटर पर पाबंदी लगा दी है. ऐसा इसलिए किया गया है जिससे दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को कम किया जा सके. लेकिन, नोएडा के प्रदूषण अधिकारी प्रवीण कुमार से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि अभी यूपी सरकार या प्रदेश के मुख्य सचिव की ओर से ऐसा कोई आदेश नहीं जारी किया गया है. लिहाजा नोएडा में अभी पाबंदी नहीं होगी.


व्यापारियों के हित में सोचना चाहिए
वहीं, दूसरी ओर दिल्ली में व्यपारियों के संगठन के नेता का कहना है कि ऐसा आदेश आया तो है लेकिन जो व्यावसायिक प्रतिष्ठान हैं वो पावर कट होने पर क्या करेंगे. लिहाज, व्यापारियों के हित में भी सोचना चाहिए. हमने अपनी समस्या से अवगत कराया है. देखते हैं आगे क्या आदेश होता है.


दिशा-निर्देश जारी
गौरतलब है कि, दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की समस्या को देखते हुए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. दिशानिर्देशों के तहत डीजल जनरेटर को पर पूरी तरह बैन कर दिया गया है. सड़कों की साफ-सफाई के लिए मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा. भूरेलाल कमेटी के एक्शन प्लान 15 अक्टूबर से लागू हो जाएंगे. इसकी निगरानी के लिए एक मॉनिटरिंग रूम भी बनाया जाएगा. मॉनिटरिंग रूम कमेटी के निर्देशों के पालन पर ध्यान देगा.


प्रदूषण को कम करने के लिए उठाए गए कदम
भूरेलाल कमेटी ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के तहत प्रदूषण को कम करने के लिए कई पहल की है. एनसीआर में हाईवे और मेट्रो के निर्माण कार्य के दौरान संबंधित विभाग राज्य प्रदूषण कंट्रोल कमिटी को अंडरटेकिंग देंगे, जिसके तहत उसे नियमों के तहत निर्माण कार्य जारी रखने का भरोसा दिलाना होगा. ऑरेंज रेड रूम में आनेवाले उद्योग-धंधों के लिए भी राज्य प्रदूषण कंट्रोल कमिटी को प्रदूषण में बढ़ोतरी न होने का आश्वासन देना होगा.



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