Noida News: नोएडा जिला अस्पताल में टला हादसा, भरभराकर गिरी डायलिसिस वार्ड की फॉल सीलिंग, बाल-बाल बचे मरीज
Noida News: नोएडा के जिला अस्पताल को तीन साल पहले ही 500 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि निर्माण में किस कदर भ्रष्टाचार किया गया है.
Noida News: नोएडा के सेक्टर-39 स्थित जिला अस्पताल परिसर गुरुवार को एक बड़ा हादसा होते-होते बच गया. जब अस्पताल के छठे फ्लोर पर डायलिसिस वार्ड की छत से फॉल-सीलिंग गिर गई. गनीमत रही कि जिस समय फॉल-सीलिंग गिरी वहां पर कोई मरीज नहीं था. सुबह जब स्वास्थ्यकर्मी अस्पताल पहुंचे तो उन्हें फॉल सीलिंग गिरने की जानकारी हुई है. अस्पताल के 6वें तल पर सर्जरी, नेत्र रोग, हड्डी रोग के मरीजों की भर्ती के साथ डायलिसिस वार्ड है. बीते दिनों इसी अस्पताल की दूसरी और सातवीं मंजिल की भी सीलिंग गिर चुकी है.
इस वार्ड में प्रतिदिन 10 से अधिक मरीजों और कर्मचारियों की मौजूदगी रहती है. डायलिसिस हाल की फॉल सीलिंग करीब 10 फीट से नीचे गिरी, उस वक्त वहां कोई मरीज नहीं था. कहा जा रहा है कि इस बिल्डिंग में कहीं-कहीं पर पानी के रिसाव की आशंका है कि इसी की वजह से छत पर लगी फॉल-सीलिंग भी कमजोर हो गई, जिसकी वजह से ये नीचे आ गिरी.
तीन साल पहले ही बना है अस्पताल
हैरानी की बात है कि अस्पताल को बने महज तीन साल ही हुए हैं. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि निर्माण में किस कदर भ्रष्टाचार किया गया है. जिला अस्पताल को यूपी निर्माण निगम ने 500 करोड़ रुपये की लागत से बनाया है, जिसे साल 2020 में स्वास्थ्य विभाग को सौंपा गया था. अस्पताल के निर्माण में ढिलाई बरती गई है. यहां आए दिन कभी दीवारों पर लगी टाइल्स और फॉल सीलिंग भरभराकर गिर रही है. बीते दो दिन पूर्व भी यहां दूसरे तल पर गैलरी की फाल सिलिंग गिर गई थी, जो अबतक सही नहीं कराई गई है.
सीएमएस ने नोए़डा प्राधिकरण को लिखा पत्र
इस मामले पर जब सीएमएस डॉ रेनू अग्रवाल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अस्पताल की मेनटेनेंस और फॉल सिलिंग गिरने की समस्या के संबंध में नोएडा प्राधिकरण और जिला प्रशासन को पत्र लिखा है. अस्पताल के दूसरे, छठे और सातवें फ्लोर पर फॉल सीलिंग गिरी है. हालांक इसमें किसी को चोट नहीं आई है.
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