Noida Farmers Protest: उत्तर प्रदेश के नोएडा से बड़ी खबर सामने आ रही है. समान मुआवाजा और समान रोजगार की मांग को लेकर किसानों ने एनटीपीसी कार्यालय सेक्टर 24 पर हल्ला बोल दिया है. एनटीपीसी कार्यालय का घेराव करने 24 गांव के किसान आए हैं. 24 गांव के किसान एनटीपीसी दादरी से प्रभावित हैं. बड़ी संख्या में किसानों के पहुंचने से अफरा तफरी का माहौल पैदा हो गया. प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व किसान नेता सुखबीर खलीफा कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि एनटीपीसी दादरी पर किसानों में कई महीने धरना दिया. प्रशासन के साथ कई दौर की चली वार्ता में किसानों की मांग को सही ठहराया गया.
एनटीपीसी कार्यालय पर किसानों का धरना
प्रशासन ने किसानों को समान मुआवजा और समान रोजगार का समर्थन किया. उन्होंने आरोप लगाया कि एनटीपीसी प्रशासन आज भी दोहरा रवैया अपनाए हुए है. इसलिए किसान एनटीपीसी भवन का घेराव करने को मजबूर हुए. किसानों के धरने की खबर से पुलिस प्रशासन में हड़ंकप मच गया. बड़ी संख्या में पुलिस के जवान धरनास्थल पर पहुंचे. किसानों ने पुलिस प्रशासन के सामने जमकर नारेबाजी की. माहौल एनटीपीसी प्रशासन हाय हाय के नारों से गूंज उठा. प्रदर्शन के दौरान किसानों की पुलिस से हल्की नोकझोंक भी होने की खबर है.
जानिए प्रदर्शनकारियों की क्या है मुख्य मांग
पुलिस के आलाधिकारी आक्रोशित किसानों को समझाने का काम कर रहे हैं. एनटीपीसी भवन के बाहर काफी गहमा गहमी का माहौल है. किसान जबरदस्त प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांग मुआवजा, विकास और एनटीपीसी में नौकरी दिए जाने की है. उन्होंने कहा कि एनटीपीसी दादरी के प्रभावित क्षेत्र में कॉलेज और हॉस्पिटल नहीं है. इलाज और पढ़ाई के लिए दादरी से बाहर जाना पड़ता है. इसलिए लोगों की सुविधा के लिए कॉलेज और अस्पताल खोले जाएं. प्रभावित किसानों के प्रदर्शन की वजह से जगह-जगह जाम लगने की सूचना भी आ रही है.
एनटीपीसी ने प्रेस रिलीज जारी कर दी सफाई
वहीं इस मामले को लेकर एनटीपीसी ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि एनसीआर सहित राष्ट्र हित में बिजली की ज़रूरत को पूरा करने के लिए दादरी क्षेत्र में नेशनल कैपिटल पावर स्टेशन (एनसीपीएस) की स्टेज-1 का निर्माण वर्ष 1986 से 1995 के बीच किया गया था. भूमि अधिग्रहण और मुआवजा भी उस समय मौजूद भूमि अधिग्रहण अधिनियम और जिला प्रशासन के निर्देशों के अनुसार किया गया था.
एनटीपीसी ने कहा कि इतने साल बीत जाने के बाद कुछ मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. प्रदर्शनकारियों के साथ समय-समय पर विभिन्न वार्ताओं के दौरान एनसीपीएस द्वारा अपना पक्ष रखते हुए अवगत कराया जाता रहा है कि समान मुआवजा और नौकरी देने पर विचार किया जाना अब संभव नहीं है. वहीं एनसीपीएस ने यह भी अवगत करावाया है कि 182 भू-स्थिपितों को उपलब्ध रिक्तियों, उपयुक्तता और पात्रता के आधार पर नियमित रोजगार दिया गया है.
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