UP News: उत्तर प्रदेश सरकार बहुत जल्द ग्रेटर नोएडा की बिजली आपूर्ति अपने हाथों में ले सकती है सरकार एनपीसीएल को इसके लिए नोटिस भी भेज चुकी है. दरअसल, एनपीसीएल को उत्तर प्रदेश सरकार ने 30 साल का लाइसेंस जारी किया था और यह लाइसेंस 30 अगस्त 2023 को खत्म होने जा रहा है. इसको देखते हुए ऊर्जा विभाग ने एनपीसीएल को नोटिस दिया है. जिसमें यह साफ किया गया है कि वह अब कंपनी का लाइसेंस आगे नहीं बढ़ाने वाली और हो सकता है सरकार ग्रेटर नोएडा की बिजली अपने हाथों में ले ले.
तीन महिने का दिया गया है समय
ऊर्जा विभाग के नोटिस के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि अगले साल तक ग्रेटर नोएडा की बिजली पश्चिमांचल विद्युत वितरण को दी जा सकती है. फिलहाल यह नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड के पास है. एनपीसीएल को 30 साल पहले बिजली आपूर्ति का लाइसेंस दिया गया था. ऊर्जा विभाग ने एनपीसीएल को भारतीय विद्युत अधिनियम 1910 की धारा 6 और 7 के तहत नोटिस दिया है. प्रदेश के मुख्य सचिव ऊर्जा अवनीश कुमार अवस्थी ने इस नोटिस में एनपीसीएल को अपना पक्ष रखने के लिए 3 महीने का समय दिया गया दिया है. नोटिस में यह भी साफ किया गया है कि अगर एनपीसीएल इन 3 महीनों में अपना पक्ष नहीं रखती तो सरकार लाइसेंस रद्द कर देगी.
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1993 में दिया गया था लाइसेंस
दरअसल, राज्य सरकार ने एनपीसीएल को 30 अगस्त 1993 में भारतीय विद्युत अधिनियम 1910 की धारा 3(1) के तहत 30 सालों के लिए लाइसेंस दिया था. इस लाइसेंस की अवधि 30 अगस्त 2023 में समाप्त हो जाएगी. जिसको लेकर अब एनपीसीएल को नोटिस जारी किया गया है. जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार ने कंपनी से सवाल किया है कि कंपनी का लाइसेंस रद्द क्यों नहीं किया जाना चाहिए इसके लिए कंपनी को समय भी दिया गया है.
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने क्या कहा
वही एनपीसीएल को दिए हुए कॉन्ट्रैक्ट को लेकर उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा है कि अब विद्युत अधिनियम 2003 लागू किया जा चुका है और विद्युत अधिनियम 1910 पहले ही खत्म हो गया है. ऐसे में सरकार और पावर कॉरपोरेशन 29 अगस्त 2022 यानी इसी महीने के अंत तक एनपीसीएल से कॉन्ट्रैक्ट खत्म करके इस पर टेकओवर करना शुरू कर देना चाहिए नहीं तो यह मामला कानूनी अड़चनों में फंसा रह जाएगा.