Noida Airport: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) को एक और उपलब्धि मिली है. यहां पर ऐसे आधुनिक उपकरण लगा दिए गए हैं जो दुनिया के चुनिंदा एयरपोर्ट पर ही देखने को मिलेंगे. एयरपोर्ट पर लगाए गए इस आधुनिक उपकरणों के कारण यहां से बारिश तथा घने कोहरे में भी हवाई उड़ाने संभव होंगी. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इंस्ट्रूमेंट लैडिंग सिस्टम (ILS) और प्रिसिजन अप्रोच पथ इंडिकेटर (PAPI) को एक साथ जोडक़र लगाया गया है.
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ILS तथा PAPI लगाने का काम पिछले सप्ताह शुरू हुआ था. जिस काम को अब सफलपूर्वक पूरा कर लिया गया है. एनआईए पर बेहद आधुनिक तकनीक ILS तथा PAPI को लगाने का कार्य एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने भारत के नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के सहयोग से किया गया है. इस प्रकार इन उपकरणों के लगने से जेवर एयरपोर्ट के खाते में एक और उपलब्धि जुड़ गई है.
बारिश और घने कोहरे में संभव होगी उड़ान
एयरपोर्ट संचालन की जानकारी रखने वाले DGCA के एक अधिकारी ने बताया कि ILS तथा PAPI लगाने से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि घने कोहरे तथा बारिश में भी विमानों का संचालन बड़ी आसानी के साथ किया जा सकेगा. एनआईए पर लगाई गई इस प्रकार की तकनीक दुनिया के मात्र कुछ ही एयरपोर्ट पर देखने को मिलेगी. एनआईए से दिसंबर 2024 में उड़ान भरने करने की योजना थी लेकिन एयरपोर्ट के निर्माण में थोड़ा देरी होने के कारण अब उड़ान अप्रैल-2025 में शुरू हो पायेगी. 26 नवंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जेवर एयरपोर्ट की आधारशिला रखी थी.
एनआईए के निर्माण का अधिकांश कार्य पूरा हो चुका है. इस एयरपोर्ट से हवाई हवाई उड़ान की टेस्टिंग भी दिसंबर 2024 में शुरू हो जाएगी. जेवर कस्बे के पास स्थित होने के कारण नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को अधिकांश लोग जेवर एयरपोर्ट भी कहते है. इतना ही नहीं नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा. जहा से देश विदेश की उड़ाने भरी जायेगी.
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