Jewar Airport Code: उत्तर प्रदेश के नोएडा के जेवर में बन रहे अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को विमानन कंपनियों की वैश्विक संस्था IATA ने तीन अक्षरों वाले कोडनेम का आवंटन कर दिया है. इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) ने जेवर में बन रहे नोएडा के इंटरनेशनल एयरपोर्ट को तीन अक्षरों वाला कोड 'डीएक्सएन' (DXN) दिया है. इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के ओर से कोडनेम मिलने के बाद जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को अब अंतरराष्ट्रीय विमानन मानचित्र में जगह मिल गई है


जानकारी के अनुसार लगभग 300 एयरलाइंस का प्रतिनिधित्व करने वाला इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन किसी हवाई अड्डे की स्पेशल पहचान को सुनिश्चित करने के लिए तीन अक्षरों का कोडनेम जारी करती है. इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन वैश्विक हवाई यातायात का लगभग 83 प्रतिशत हिस्सा कवर करती है. यह दुनियाभर के हवाईअड्डों की पहचान को आसान बनाने के लिए कोडनेम प्रसारित करती है.






2024 के अंत तक एयरपोर्ट बनकर होगा तैयार


हवाईअड्डे के मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने हवाईअड्डे को कोडनेम मिलने पर इसे एयरपोर्ट के परिचालन की दिशा में मील का पत्थर बताया है. उनका कहना है कि एयरपोर्ट को कोडनेम मिलने से वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने ग्राहकों की ओर एक कदम आगे बढ़ गया है. उनका कहना है कि 2024 के अंत तक एयरपोर्ट बनकर तैयार हो जाएगा और यहां से विदेशों के लिए उड़ान भरी जा सकेगी.


5,000 हेक्टेयर क्षेत्र में हो रहा निर्माण


क्रिस्टोफ श्नेलमैन के अनुसार भारत का राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) दुनिया के सबसे बड़े शहरी समूहों में से एक है, जो की दूसरे इंटरनेशनल एयरपोर्ट का हकदार था. फिलहाल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में दो हवाई अड्डे हैं. जिनमें दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा और हिंडन एयरपोर्ट शामिल हैं. फिलहाल हिंडन में अभी कुछ घरेलू उड़ानों का संचालन होता है. वहीं नोएडा हवाई अड्डे के पूरा होने पर यह देश के सबसे बड़ा हवाई अड्डा बन सकता है. जिसका निर्माण 5,000 हेक्टेयर क्षेत्र में चार चरणों में हो रहा है.


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