नोएडा में डेंगू मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ब्लड बैंकों में जंबो किट का संकट गहरा गया है. यही वजह है कि एबीपी गंगा की टीम ने नोएडा के ब्लड बैंकों में जाकर जंबो किट की स्थिति का जायजा लिया और वहां के मैनेजर से बात कर किट की वर्तमान स्थिति के बारे में बात की. बात करने पर पता चला कि बढ़ती डिमांड को देखकर कंपनियों ने निर्माण में तेजी लाई है, जिससे इस किट का संकट धीरे धीरे काम हो रहा है.
हालांकि, नोएडा के ब्लड बैंक को में जंबो किट की क्या स्थिति है इस बारे में जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात की तो उन्होंने कहा कि हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. इसके लिए आप सीएमएस से बात करें. वहीं, डेंगू को लेकर बताया कि जिले में अब तक 273 डेंगू के मरीज सामने आ चुके हैं, जिनका उपचार चल रहा है. पिछले चौबीस घंटों में 17 डेंगू के मरीज सामने आये हैं.
इसके बाद एबीपी गंगा की टीम नोएडा जिला अस्पताल पहुंची और ब्लड बैंक में बात की. उन्होंने बताया कि उनके यहां जंबो किट की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि उनके पास प्लेटलेट्स लेने का लाइसेंस नही है. एबीपी गंगा की टीम इसके बाद ब्लड बैंकों में पहुंची जहां पर जंबो किट के बारे में जानने की कोशिश की. निजी ब्लड बैंकों ने बताया कि जंबो किट का संकट पहले काफी ज्यादा था लेकिन अब धीरे-धीरे जैसे डिमांड बढ़ रही है, उस हिसाब से कंपनियां सप्लाई कर रही हैं. यही वजह है कि पहले की स्थिति में अब जंबो किट उनके पास ज्यादा तादात में पहुंच रही है. इसलिए जंबो किट का संकट धीरे-धीरे कम होता जा रहा है.
रोटरी नोएडा ब्लड सेंटर के मैनेजर ने दी ये जानकारी
बातचीत के दौरान रोटरी नोएडा ब्लड सेंटर के मैनेजर राज ने बताया कि इस किट को वो स्टोर कर के नहीं रख सकते इसलिए अचानक से डेंगू मरीजों की संख्या बढ़ने की वजह से किट की डिमांड बढ़ गई, जिससे इस चीज का संकट गहरा गया. लेकिन जब कंपनियों ने इस किट की मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाई तो अब धीरे-धीरे किल्लत कम हो रही है और उम्मीद है कि जल्द ही इस किट की किल्लत पूरी तरह से जिले में खत्म हो जाएगी.
हालांकि एबीपी गंगा ने किट का कैसे इस्तेमाल होता है इसका भी जायजा लिया और देखा कि ब्लड बैंक कैसे इस किट के जरिए ब्लड से प्लेटलेट्स निकालते हैं. आपको बता दें कि इस किट को सिंगल डोनर प्लेटलेट्स किट भी बोलते हैं. इस किट का सिर्फ एक बार ही इस्तेमाल होता है.