बारिश से निपटने के लिए राज्य सरकारें हर वर्ष करोड़ों रुपए खर्च करती है ताकि जलभराव की समस्या उत्पन्न ना हो लेकिन उत्तर प्रदेश के सबसे हाईटेक और इलेक्ट्रॉनिक सिटी के तौर पर पहचाने रखने वाले जिले नोएडा में हल्की बारिश से ही जलभराव की समस्या खड़ी हो जाती है. आज सुबह हुई हल्की बारिश के बाद ही नोएडा का कलेक्ट्रेट जलमग्न हो गया.


गौरतलब है कि नाले और नालियों की सफाई के नाम पर अधिकारी यहां करोड़ों रुपए खर्च करते हैं लेकिन हल्की बारिश से ही जलभराव की समस्या सारी हकीकत बयां कर देती है. इस समस्या से अधिकारी भी अछूते नहीं है क्योंकि चाहे वह गलियां हो या फिर कलेक्ट्रेट हर जगह सड़कें पानी से लबालब नजर आती है.


 नोएडा के कई इलाके जलमग्न हुए


आज सुबह हुई हल्की बारिश के बाद एबीपी गंगा की टीम नोएडा के कई इलाकों में गई जहां पर जलभराव की समस्या देखने को मिली इसके बाद एबीपी गंगा की टीम नोएडा के कलेक्ट्रेट पहुंची जहां पर कलेक्ट्रेट भी जल मग्न था और अधिकारी से लेकर फरियादी तक सभी जलभराव की समस्या से जूझते हुए नजर आए. कलेक्ट्रेट के हालात यह थे कि अधिकारी कलेक्ट्रेट के चारों तरफ अपनी गाड़ियां लेकर घूम रहे थे लेकिन वह दफ्तर के अंदर पहुंचने के लिए उन्हें घुटनों पानी तक होकर गुजरना पड़ रहा था.


जिले का कलेक्ट्रेट भी जलभराव की समस्या से परेशान


अब जब जिले का कलेक्ट्रेट ही जलभराव की समस्या से जूझ रहा हो तो जिले में जलभराव की समस्या किस स्तर की होगी ये अंदाजा लगाया जा सकता है. लेकिन जरा सी बारिश में ही जलभराव की समस्या को देखकर बड़ा सवाल ये खड़ा होता है कि आखिरकार जिला प्रशासन और प्राधिकरण जब बारिश से पहले करोड़ों रुपए नाले और नालियों की सफाई में खर्च करता है तो फिर जलभराव की समस्या कैसे उत्पन्न हो जाती है?


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