Noida News: 14 जुलाई से सावन महीने की शुरुआत हो गई है और इसी के साथ कांवड़ यात्रा भी शुरू हो गई है. सावन महीने में कांवड़िए देश के अलग अलग कोने से कांवड़ उठाते है और भगवान शिव को जल चढ़ाते है. ऐसे में दिल्ली से सटे नोएडा में भी भोले के भक्तों का कांवड़ लेकर आने का सिलसिला शुरू हो चुका है.
वैसे तो कांवड़िए अपनी पूरी यात्रा पैदल ही करते है, ऐसे में इस बार कांवड़ियों को पहले से जेवर में एयरपोर्ट बनने की वजह से ज्यादा चलना पड़ेगा. दरअसल, हरिद्वार से आने वाले कांवड़ियों को इस बार 10 किमी ज्यादा दूरी तय करनी पड़ेगी. जेवर में बन रहे एयरपोर्ट की वजह से कांवड़ियों को वैकल्पिक मार्गों से भेजा जाएगा, क्योंकि जेवर झाझर मार्ग बंद हो गया है.
कांवड़ियों के लिए बनाया गया वैकल्पिक मार्ग
जब से जेवर में एयरपोर्ट का निर्माण शुरू हुआ है, तब से जेवर-झाझर मार्ग पूरी तरह से बंद है. इस वजह से पुलिस प्रशासन ने जो कांवड़िए जेवर, अलीगढ़, मथुरा और हरियाणा की ओर हरिद्वार, ऋषिकेश, गंगोत्री और गढ़मुक्तेश्वर से आएंगे, उनके लिए वैकल्पिक मार्ग बनाया गया है. वहां पुलिसकर्मी तैनात होंगे, इसके अलावा वो झाझर से जहांगीरपुर होकर जेवर पहुंचने के लिए जो वैकल्पिक रास्ते बनाए गए है उसकी जानकारी देंगे.
रास्ते में पुलिसकर्मियों होंगे तैनात
जेवर एयरपोर्ट बनने की वजह से जेवर-झाझर मार्ग को अंदर से बंद कर दिया गया है. इसकी जानकारी देते हुए जेवर सहायक पुलिस आयुक्त रुद्र कुमार सिंह ने बताया कि कांवड़ यात्रा के लिए कांवड़िए झाझर और बुलंदशहर से वैकल्पिक रास्तों का इस्तेमाल करेंगे.वहां पर पुलिसकर्मियों की भी तैनाती की जाएगी, जिससे कांवड़ियों को किसी तरह की तकलीफ न हो.
बता दें कि जेवर-झाझर मार्ग पर एयरपोर्ट बनने की वजह से जेवर की ओर से किशोरपुर गांव के पास बंद किया गया है, वहीं बुलंदशहर की ओर से कुरैब गांव के पास रोड बंद है. इस वजह से लगभग 4 किलोमीटर तक रास्ता बंद रहेगा जिसकी वजह से जेवर के साथ बनवारीवास किशोरपुर, रामनेर, साबौता गांव में भक्तों को कांवड़ लाने में ज्यादा परेशानी होगी. हालांकि फिलहाल एयरपोर्ट निर्माण कार्य को देखते हुए अगर कांवड़ियों को पैदल इस रास्ते से जाने भी दिया जाता तो आगे की डांक कांवड़ में चलने वाले वाहन और डीजे दोनों को जाने में दिक्कत होती. इसलिए पुलिस वैकल्पिक मार्ग का सहारा ले रही है.
ये भी पढ़ें:-