NGT Order for Trees: नोएडा (Noida) में पेड़ पौधों के आस पास से कंक्रीट को हटाने का काम शुरू हो गया है, कंक्रीट हटने से पेड़ पौधे सांस ले सकेंगे और उनकी स्तिथि बेहतर हो सकेगी. दरअसल, एनजीटी (NGT) के आदेश के बाद नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) एक्शन में आई और इसके तहत रविवार (29 मई) से शहर में जितने भी पेड़ पौधे हैं उनके आसपास बने कंक्रीट के फर्श को तोड़ा जा रहा है और कंक्रीट हटाने का काम तेजी से शुरू कर दिया गया है.


क्या है एनजीटी का आदेश


पेड़ों के पास से कंक्रीट हटाने का काम एनजीटी के आदेश के बाद किया जा रहा है. इस मामले में नोएडा अथॉरिटी के महाप्रबंधक पीके कौशिक ने बताया कि तेजी से नोएडा के सभी पेड़ों के पास से कंक्रीट हटवाया जाएगा, जितने भी पेड़ नोएडा में हैं, जिनके आस पास कंक्रीट है, उसे जल्द से जल्द हटवा लिया जाएगा, इसे लेकर उद्यान विभाग के तीनो सर्किल को जिम्मा सौंप दिया गया है, उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि यह कार्य तेजी से हो. बता दें तीन दिन पहले एनजीटी ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को पेड़ पौधों के पास कंक्रीट के इस्तेमाल को बंद करने को कहा था. एनजीटी के मुताबिक, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में काफी ज्यादा मात्रा में कंक्रीट का इस्तेमाल किया जा रहा है.


एनजीटी ने क्यों लगाई कंक्रीट पर रोक


नोएडा-ग्रेटर नोएडा में कंक्रीट के बढ़ते इस्तेमाल को देखते हुए पर्यावरणविद विक्रांत तोंगड़ और डॉक्टर सुरपिया सरदाना ने एनजीटी में याचिका लगाई थी, जिसमें कहा गया था कि नोएडा में कच्चे क्षेत्र को भी टाइल्स लगाकर पक्का किया जा रहा है और यह एनजीटी के आदेश और सरकार की गाइडलाइन के खिलाफ जाकर किया जा रहा है, ऐसे में कंक्रीट लगातार बढ़ता जा रहा है और इस वजह से बारिश का पानी जमीन में नहीं जा पा रहा है जिससे जमीन के पानी में गिरावट आ रही है और कंक्रीट बढ़ने की वजह से बरसात के मौसम में जलभराव की समस्या होती है, इसलिए पेड़ों के आसपास एक मीटर कच्ची जगह छोड़नी चाहिए.


एनजीटी ने इस याचिका को संज्ञान में लिया और नोएडा, ग्रेटर नोएडा में कंक्रीट के इस्तेमाल पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. वहीं, एनजीटी ने इस मामले में नोएडा प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और डीएम गौतमबुद्ध नगर को भी नोटिस जारी किया है जिसकी अगली सुनवाई 26 अगस्त को होगी.


कंक्रीट हटा कर भरी जाएगी मिट्टी


फिलहाल नोएडा और ग्रेटर नोएडा में पेड़ों के पास से लगभग एक से डेढ़ मीटर तक कंक्रीट हटाया जाएगा. प्राधिकरण के मुताबिक, जो भी जगह खाली होगी उसमें मिट्टी भरी जाएगी, धूल न उड़े इसके लिए वहां घास उगाई जाएगी और भविष्य में ग्रीन बेल्ट और सेंट्रल वर्ज पर कंक्रीट का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.


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