Medical Device Park: यमुना एक्सप्रेसवे के पास बनने वाला है उत्तर भारत का सबसे बड़ा मेडिकल डिवाइस पार्क, हजारों युवाओं को मिलेगा रोजगार का मौका
Noida News: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के करीब उत्तर भारत का पहला मेडिकल डिवाइस पार्क बनाया जा रहा है.जिससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे
Yamuna Expressway: यमुना एक्सप्रेसवे (Yamuna Expressway) के किनारे पर और दिल्ली से सटे जेवर (Jewar) में बनने वाले नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International park) के करीब उत्तर भारत का पहला मेडिकल डिवाइस पार्क (Medical Device Park) बनाया जा रहा है. इस मेडिकल डिवाइस पार्क को बनाने का प्रस्ताव पहले ही पास हो चुका था और अब इसके लिए जमीन के आवंटन के प्रोसेस की शुरुआत होने वाली है.
इसी कड़ी में 23 मई को इसके लिए प्लॉट स्कीम लॉन्च की जाएगी, क्योंकि यह उत्तर भारत का सबसे बड़ा मेडिकल डिवाइस पार्क होगा जो लगभग 350 एकड़ में फैला होगा. इसलिए इस मेडिकल डिवाइस पार्क में जमीन लेने के लिए तमाम राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय कंपनियां रुचि दिखा रही है.
23 मई को लॉन्च होगी भूखंड आवंटन योजना
इस मेडिकल डिवाइस पार्क को एक चरण नही बल्कि 2 चरण में विकसित किया जाएगा. मेडिकल डिवाइस पार्क के विकास कि जानकारी देते हुए यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह ने बताया कि यह पार्क एक नहीं बल्कि 2 चरणों में बनाया जाएगा, अभी पहले चरण में कुल 110 एकड़ जमीन का आवंटन होगा, इसके लिए भूखंड आवंटन की घोषणा 23 मई को होगी.
उन्होंने बताया कि यह पार्क उत्तर भारत का सबसे बड़ा मेडिकल डिवाइस पार्क होगा, इस पार्क के लिए भारत सरकार ने यमुना अथॉरिटी को 100 करोड़ रुपए कि प्रोत्साहन राशि दी है, जो प्राधिकरण को मिल गई है. सीईओ ने आगे बताया कि यह मेडिकल डिवाइस पार्क नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास और यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे सेक्टर 28 में बनाया जा रहा है और इसका क्षेत्रफल 350 एकड़ होगा.
ड्रॉ के जरिए मिलेगी जमीन
यमुना प्राधिकरण के सीईओ ने बताया की प्राधिकरण ने बोर्ड बैठक में अब भूमि आवंटन की प्रक्रिया को बदल दिया है. जिसमें यह तय गया कि बाकी सभी श्रेणी में आवंटन की प्रक्रिया ऑनलाइन बिडिंग से होगी, लेकिन मेडिकल डिवाइस पार्क का भूमि आवंटन फिलहाल लकी ड्रॉ के जरिए ही होगा, इसके लिए कंपनियों को आवेदन करना होगा, इसके बाद तय तारीख वाले दिन लकी ड्रॉ होगा और फिर भूखंड आवंटन किया जाएगा.