नोएडा में रेमडेसिविर की कालाबाजारी में डॉक्टर समेत तीन धरे गये, 25-30 हजार में बेचते थे इंजेक्शन
एक तरफ मरीजों की जान बचाने के लिये त्राहि त्राहि मची हुई है और दूसरी तरफ कई ऐसे लोग हैं जो दवाओं की कालाबजारी में जुटे हैं. नोएडा में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जो इस काले कारनामे में संलिप्त थे.
नोएडा: नोएडा में एक तरफ जहां लोग कोविड मरीजों के लिए जरूरी रेमडेसिविर इंजेक्शन पाने के लिए सीएमओ के पैर पकड़ने को मजबूर हैं, तो वहीं दूसरी ओर रेमडेसिविर की जमकर कालाबाजारी हो रही है. नोएडा क्राइम ब्रांच और सेक्टर 24 पुलिस ने ऐसे ही तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है, जो जरूरतमंद मरीजों को महंगे दामों में रेमडेसिविर बेचा करते थे.
25-35 हजार में जरूरतमंदों को बेचा करता था
नोएडा पुलिस के गिरफ्त में आए तीनों अभियुक्त आपदा को कमाई का अवसर बनाने वाले हैं. जिन्हें नोएडा क्राइम ब्रांच और सेक्टर 24 पुलिस ने गिरफ्तार किया है. क्राइम ब्रांच के डीसीपी अभिषेक कुमार ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त डॉ ईमाम जो खुद को लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल दिल्ली में कार्यरत बताता है, वो अपने दो अन्य साथी हमजा और मुजीब के साथ मिलकर जरूरतमंद लोगों को रेमडेसिविर 25-35 हज़ार में बेचा करते थे.
अस्पतालों से जरूरतमंदों के नाम पर लेता था
डॉ ईमाम दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में कई अस्पतालों में अपनी सेवाएं देता था. उन्हीं अस्पतालों से वह जरूरतमंदों के नाम पर रेमडेसिविर ले लेता था, या गैर जरूरतमंद मरीजों से सस्ते दाम पर खरीद लेता था. उसके बाद अपने दोनों साथी हमजा और मुजीब के साथ मिलकर जरूरतमंदों को 25 से 35 हज़ार में रेमडेसिविर बेच देता था. फिलाहल तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. इनके कब्जे से पुलिस को 3 वायल्स रेमडेसिविर इंजेक्शन, 3 मोबाइल फ़ोन और एक ब्रीजा कार बरामद हुई है.
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