Noida News: नोएडा की थाना सेक्टर 49 पुलिस ने नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने कार्रवाई में वसीम अहमद उर्फ़ कपिल ,रोहित कुमार, रोहित व चार युवतियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने जालसाजों के कब्जे से 11 मोबाइल फोन, 5 मोहर रिज्यूम फॉर्म, 2 कार व 2840 रुपये नकदी बरामद की है. यह अब तक हजारों लोगों को अपना निशाना बना चुके है.
नोएडा के डीसीपी राम बदन सिंह ने बताया कि आरोपी तथाकथित पत्रकार ने पूछताछ में बताया कि वह अपने साथी रोहित कुमार के साथ मिलकर पिछले एक डेढ साल से लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी कर रहा है, इनका एक यूट्यूब चैनल पर Noida delhi job के नाम से है, जिसमे यह नौकरी दिलाने का भ्रामक विज्ञापन डालते है, जिसको देखकर काफी बेरोजगार बच्चे नौकरी के लिये विभिन्न राज्यो से दूर दूर से नौकरी की तलाश मे इनके पास आते है. यह उन लोगो से 100 रुपये रजिस्टेशन फीस व 2500 से 3000 रुपये तक फाइल चार्ज/सिक्योरिटी मनी के रूप में लेते है.
जालसाजों का कंपनी से था कोई करार
डीसीपी ने बताया कि इनका किसी कम्पनी से कोई करार नही है. इन लोगों ने कुछ मोहरे फर्जी बनवाई है तथा लैटर पैड जो यह लोग मोहर लगाकर बच्चो को ज्वाईनिग लेटर देते है वह भी सब फर्जी है. यह बेरोजगार बच्चो से पैसा लेकर उन्हे फर्जी नियुक्ति पत्र देकर कुछ दिनो मे उनके पास नौकरी पर जाने की काल आने की बात कहकर भेज देते है. नौकरी न मिलने पर दूर से बच्चे इनके पास वापस नही आते है तथा जो आकर इनसे अपना पैसा मांगते है उनके खिलाफ यह सोशल मीडिया/ ट्विटर पर इनके खिलाफ ही झूठे ट्वीट करके डरा देते है. जिससे वह डरकर भाग जाते है.
डीसीपी ने बताया कि इनके सोशल मीडिया पर 4 ट्विटर एकाउन्ट प्रकाश में आये है. इन्ही से यह बेरोजगार बच्चो व अन्य लोगों के खिलाफ डराने के लिये झूठे/भ्रामक ट्विट कर देते है. जो रुपया इन्हे इस स्कैम मे मिलता है, वह यह तीनो मिलकर आपस मे बांट लेते है. कुछ लड़किया जोकि इन लोगों के पास सोशल मीडिया पर इनके भ्रामक विज्ञापन देखकर नौकरी के लिये आयी थी, जिनको इन तीनों ने मिलकर आफिस में नौकरी पर रख लिया. इनको केवल यह लोग 10-15 हजार रूपये सैलरी देते थे. इनका काम लोगो को कॉल करना था तथा उसके बाद इन्टरव्यू लेकर सलैक्ट करना था. इन लोगों के पास से प्रचार प्रसार हेतु नौकरी देने के पम्पलेट भी मिले जिन्हे यह अलग-अलग जगहों पर जाकर चस्पा करते थे. वसीम अहमद से एक फर्जी आधार कार्ड भी बरामद जोकि यह अपनी पहचान छुपाने के लिये अपने पास रखता था.
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