Noida Police Siddharthnath Singh Forge Signature: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह (Sidharth Nath Singh) ने नोएडा (Noida) के सेक्टर 39 थाने में एफआईआर (FIR) दर्ज कराकर परमहंस टेक्नोलॉजी नाम की कंपनी पर आरोप लगाया था कि उनके फर्जी हस्ताक्षर (Forge Signature) कर कंपनी ने उन्हें शेयर होल्डर बना दिया. हालांकि, जब पुलिस (Police) ने इस पूरे मामले की जांच की तो शुरुआती जांच में उनके आरोप सच साबित होते हुए नजर आ रहे हैं. पुलिस ने मंत्री के ओरिजनल हस्ताक्षर और शेयर होल्डर बनाए जाने वाले डॉक्यूमेंट्स में किए गए हस्ताक्षर की जांच की तो दोनों में काफी ज्यादा अंतर नजर आ रहा है. 


मंत्री ने दर्ज कराई एफआईआर 
बता दें कि, प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने नोएडा के सेक्टर 39 थाने में एक एफआईआर दर्ज कराई जिसमें उन्होंने परमहंस टेक्नोलॉजी नाम की कंपनी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इस कंपनी ने उनके फर्जी हस्ताक्षर कर उन्हें कंपनी का शेयर होल्डर बना दिया जबकि उन्होंने कंपनी से कोई शेयर लिए ही नहीं लिया. इतना ही नहीं उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि कंपनी उनके नाम का इस्तेमाल कर आर्थिक लाभ उठाना चाहती है.  


जांच में सामने आएगा सच 
शिकायत में सिद्धार्थ नाथ सिंह ने हरिमोहन नाम के शख्स को नामजद भी किया है. यही वजह है कि नोएडा पुलिस ने कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह की शिकायत पर तत्काल एफआईआर दर्ज कर पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है. लेकिन, पुलिस ने जैसे-जैसे अपनी जांच का दायरा बढ़ाया वैसे-वैसे सच सामने आना शुरू हो गया है. पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला कि मंत्री के हस्ताक्षर फर्जी तरीके से किए गए हैं लेकिन इस हस्ताक्षर के फर्जीवाड़े में कौन-कौन लोग शामिल हैं, इसकी जांच नोएडा पुलिस कर रही है. पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही जांच में सच सामने निकलकर आएगा, इसके बाद आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. 


हस्ताक्षर फर्जी लग रहे हैं
एबीपी गंगा से खास बातचीत के दौरान एडिशनल डीसीपी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के ओरिजनल हस्ताक्षर और डॉक्यूमेंट्स में किए गए हस्ताक्षर में काफी ज्यादा अंतर है. यही वजह है कि शुरुआती जांच में हस्ताक्षर फर्जी लग रहे हैं. लेकिन, पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है ताकि कौन-कौन लोग इस पूरे कृत्य में शामिल हैं, किनकी सरपरस्ती में ये पूरा घटनाक्रम कारित किया गया है, इसका पता चल सके. पुलिस अधिकारियों की मानें तो सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है ताकि सच्चाई सामने आ सके. इस पूरी साजिश में कौन-कौन लोग और इन लोगों की मंशा क्या थी, इसकी भी जांच की जा रही है.



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