Noida Scam News: नोएडा के थाना सेक्टर 20 पुलिस और टेक्निकल टीम ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो फर्जी डेटाबेस के जरिए फर्जी फर्म जीएसटी नम्बर सहित बनाकर सरकार के हजारों करोड़ के राजस्व का नुकसान पहुंचा रहे थे. पुलिस ने गिरोह के मास्टरमाइंड सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया है. इनके कब्जे से 2660 फर्जी जीएसटी फॉर्म, 24 कंप्यूटर, कई फर्जी आधार कार्ड और करीबन सात लाख लोगों का डेटा बरामद किया है.


जानकारी के मुताबिक बीते मई के महीने में थाना सेक्टर 20 पुलिस को एक व्यक्ति ने शिकायत दी थी कि उसके पे कार्ड पर फर्जी फर्म तैयार करके जीएसटी का हेरफेर किया गया है. शिकायत मिलने के बाद थाना सेक्टर 20 पुलिस टेक्निकल सर्विलांस के माध्यम से छानबीन में जुट गई थी. जिसके बाद पुलिस ने इस पूरे नेक्सेस का खुलासा किया है. पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि ये लोग फर्जी फर्म GST नंबर सहित बनाकर बिना माल की डिलीवरी किए फर्जी बिल तैयार करके जीएसटी रिफंड लेकर सरकार के राजस्व को हजारों करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचा रहे थे.


पिछले 5 सालों से यह गिरोह संगठित रूप से इस तरह के फर्जी फार्म तैयार करने में लगे हुए थे. यह गिरोह 2 टीम बनाकर काम किया करते थे. पहली टीम फर्जी दस्तावेजों जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, रेंट एग्रीमेंट, इलेक्ट्रिसिटी बिल आदि का उपयोग करके फर्जी फर्म जीएसटी नंबर तैयार करते थे, वहीं दूसरी टीम फर्जी फर्म जीएसटी नंबर सहित को पहले टीम से खरीद कर फर्जी बिल का उपयोग करके जीएसटी रिफंड आईटीसी इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त करके भारत सरकार को हजारों करोड़ रुपए के राजस्व का चूना लगा रहे थे.


लालच देकर करता था फर्जीवाड़ा
इस गिरोह की पहली टीम फर्जी फर्म तैयार करने के लिए सर्विस प्रोवाइडर कंपनी जस्ट डायल के माध्यम से अवैध रूप से डाटा खरीदते थे. उसके बाद छोटे कॉलोनी और मोहल्लों में रहने वाले शराबी लोगों को 1000-1500 रुपये का लालच देकर उन्हें भ्रमित करके उनके आधार कार्ड से फर्जी मोबाइल सिम नंबर रजिस्टर करवाते थे. उसके बाद इस टीम द्वारा ऑनलाइन रेंट एग्रीमेंट और इलेक्ट्रिसिटी बिल को फर्जी तरीके से डाउनलोड किया जाता था. इसी तरह यह टीम डाउनलोड किए गए रेंट एग्रीमेंट, इलेक्ट्रिसिटी बिल को एडिट करके फर्म का फर्जी एड्रेस तैयार करते थे. 


इस तरह करता था रजिस्टर 
जिन शराबी लोगों का आधार कार्ड यह लोग लेते थे उस काम पर पैन कार्ड डाटा सर्च किया जाता था. जैसे ही आधार कार्ड में रोहित नाम के किसी डेटा के 80 नाम कॉमन पाए जाते थे तो ऐसे सभी 80 नामों की पैन कार्ड पर रोहित नाम के आधार कार्ड और अन्य फर्जी दस्तावेजों को शामिल करके फर्जी फर्म रजिस्टर करवा कर उसके जीएसटी नंबर रजिस्टर करवाने के लिए reg.gst.gov.in लॉगइन करते थे. आरोपियों के इस टीम द्वारा जीएसटी पोर्टल में फर्म रजिस्ट्रेशन करने के लिए लॉगिन करने के दौरान जीएसटी विभाग द्वारा एक वेरिफिकेशन कोड भेजा जाता था जो इनके द्वारा आधार से रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर पहुंच जाता था. जिसे ये जीएसटी पोर्टल पर डालकर वेरीफाई करके एक फर्जी फर्म जीएसटी नंबर सहित रजिस्टर करवा लेते थे.


मास्टरमाइंड को पुलिस ने किया गिरफ्तार
आरोपियों के पहले टीम द्वारा रजिस्टर करवाए गए फर्म सहित को ऑन डिमांड आरोपियों की दूसरी टीम को प्रति फर्म 80 हज़ार से 90 हज़ार रुपए के हिसाब से बेच देते थे. पुलिस को इस टीम से अब तक 2660 फर्जी GST फर्म तैयार किए जाने के जानकारी हाथ लगी है. पहली टीम से फर्म जीएसटी सहित खरीदने के बाद आरोपियों की दूसरी टीम फर्म जीएसटी नंबर सहित का उपयोग करके बिना माल का आदान प्रदान किए फर्जी बिल तैयार करते थे. उसके बाद फर्जी बिल का उपयोग करके भारत सरकार से जीएसटी रिफंड करा लेते थे.


उनके द्वारा एक फर्जी फर्म से एक महीने में 2-3 करोड़ रुपए का फर्जी बिल का उपयोग किया जाता था. फिलहाल पुलिस ने इस गिरोह को चलाने वाले मास्टरमाइंड पति-पत्नी सहित 8 लोगो गिरफ्तार किया है. जबकि 7 लोग अभी फरार है जिनके तलाश में पुलिस जुटी है. इनके द्वारा अबतक 10 हज़ार करोड़ के हर फेर की बाते सामने आई है. पुलिस मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के लिहाज से भी जांच कर रही है. इनकम टैक्स सहित केंद्रीय एजेंसियों को भी मामले की जानकारी पुलिस ने दी है.


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