Noida Twin Tower Demolition: उत्तर प्रदेश स्थित नोएडा में सुपर टेक ट्विन टॉवर का ध्वस्त करने से पहले पुलिस और प्रशासन द्वारा युद्ध स्तर पर तैयारियां जारी हैं. इसी क्रम में नोएडा पुलिस के डीसीपी सेंट्रल राजेश एस ने जानकारी दी है कि सुपर टेक ट्विन टॉवर जब ध्वस्त किया जाएगा तो उस वक्त सिविल पुलिस के 400 जवान मौके पर रहेंगे.


उन्होंने बताया कि इस इमारत को गिराने के लिए की जा रही तैयारियों के बीच राष्ट्रीय आपदा मोचन बल यानी NDRF को भी मौके पर मौजूद रहने का अनुरोध भेजा गया है. उन्होंने कहा कि किसी भी आपात स्थिति के लिए 3 अस्पतालों को रिजर्व रखा गया है. पुलिस अधिकारी ने कहा- अगर जरूरत पड़ी तो ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाएगा.


वहीं नोएडा का स्वास्थ्य विभाग किसी भी आपात स्थिति से निपटने की तैयारी कर रहा है. अधिकारियों ने कहा कि सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों के अलावा, तीन निजी अस्पताल भी किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति में मरीजों को समायोजित करने के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुनील शर्मा ने कहा, ‘‘मेडिकल टीम और दवाओं के साथ साइट पर छह एम्बुलेंस तैनात की जाएंगी. नोएडा के सेक्टर 30 में जिला अस्पताल के साथ जेपी अस्पताल, फेलिक्स अस्पताल और यथार्थ अस्पताल में लोगों के रहने की व्यवस्था की जाएगी.’’


शर्मा ने कहा कि तीन निजी अस्पतालों और जिला अस्पताल के लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं और वे अपने-अपने केंद्रों पर व्यवस्था का समन्वय करेंगे. सीएमओ ने कहा, ‘‘इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के नोएडा क्षेत्र के अध्यक्ष डॉ सुनील अवाना और मैं नियंत्रण कक्ष से सभी गतिविधियों की निगरानी करेंगे.’’


विस्फोट के लिए 3,700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटकों का उपयोग
ट्विन टावर में विस्फोट के लिए 3,700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटकों का उपयोग किया जा रहा है. इससे पहले, विध्वंस के लिए निर्धारित कंपनी एडिफिस इंजीनियरिंग, सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञों और नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने विश्वास व्यक्त किया था कि संरचनाओं को सुरक्षित रूप से ध्वस्त कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि वे विध्वंस में छिटककर गिरने वाले मलबे को नियंत्रित करने के लिए की गई व्यवस्था से संतुष्ट हैं.


दिल्ली के मशहूर कुतुब मीनार से ऊंचे, नोएडा के सेक्टर 93 ए में बने एपेक्स और सेयान टावरों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में ध्वस्त कर दिया जाएगा. जांच में पाया गया था कि सुपरटेक के एमराल्ड कोर्ट सोसायटी परिसर में मानदंडों का उल्लंघन करके ये संरचनाएं बनाई गई थीं.


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