ग्रेटर नोएडा: नोएडा, ग्रेटर नोएडा हाइटेक सिटी में शुमार हैं. पुलिस कमिश्नर का आदेश है कि यहां की पुलिस का जनता के प्रति दोस्ताना व्यवहार होना चाहिए. किसी से भी दुर्व्यवहार ना किया जाए. नोएडा पुलिस कमिश्नरेट में पुलिस अपनी छवि जनता के बीच अच्छी करने के लिए तरह-तरह के जागरूकता कार्यक्रम कर रही है, लेकिन वहीं, विवादित रसूखदार ट्रैफिक इंस्पेक्टर पुलिस की छवि को धूमिल करते हुए नजर आ रहे हैं. हाल ही में उनकी ऑडियो और कई वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं. ऑडियो में ट्रैफिक इंस्पेक्टर राम रतन सिंह ऑटो चालक को गंदी-गंदी गालियां देते हुए सुनाई दे रहे हैं. इतनी गंदी गालियां है कि हम उनका जिक्र नहीं कर सकते.


उन्हीं के ट्रैफिक सिपाही ने एक वीडियो बनाकर अपनी आपबीती पुलिस ग्रुप पर डाली है. वहीं, उल्टा ट्रैफिक सिपाही को ही डीसीपी ट्रैफिक ने अनुशासनहीनता के आरोप में सस्पेंड कर दिया. इस बीच, तीसरा वीडियो ट्रैफिक इंस्पेक्टर का जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें ट्रैफिक इंस्पेक्टर को ट्रांसपोर्टरों ने अवैध वसूली को लेकर बीच सड़क पर घेरे हुए हैं. उस वीडियो में साफ सुना जा सकता है कि कई लोग उनसे अवैध वसूली का विरोध कर रहे हैं. इस बात को लेकर ट्रैफिक इंस्पेक्टर चुप्पी साधे हुए हैं।, और वह भी अपने मोबाइल में वीडियो बनाते हुए नजर आ रहे हैं.


पुलिस अधिकारियों का आदेश भी बेअसर
गौतमबुद्ध नगर में पुलिस कमिश्नरेट बनाया गया था, जनता को सुरक्षा व्यवस्था बेहतर पुलिसिंग देने के लिए लोगों को वादा किया गया था. वहीं, यहां तैनात ट्रैफिक इंस्पेक्टर राम रतन सिंह हमेशा विवादों में घिरे रहते हैं. उन पर हमेशा अवैध वसूली और गाली-गलौज, मारपीट के आरोप अक्सर लगते रहते हैं. ट्रैफिक इंस्पेक्टर की कई ऑडियो, वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है. ऑडियो में ऑटो चालक से गंदी-गंदी गालियां देते हुए सुनाई दे रहे हैं. वहीं, दूसरे वीडियो उन्हीं के सिपाही ने उनके खिलाफ बनाकर ट्रैफिक व्हाट्सएप ग्रुप पर डालकर उच्च अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई, लेकिन अधिकारियों ने उल्टा पीड़ित सिपाही को ही अनुशासनहीनता के आरोप में सस्पेंड कर दिया. जबकि अन्य वीडियो में सिपाही ट्रैफिक इंस्पेक्टर के बारे में बता रहा है कि वह मुझ पर अनावश्यक दबाव बनाते हैं, कमेंट करते हैं जिसके चलते में काफी तनाव में हूं.


वहीं, तीसरे वीडियो में ग्रेटर नोएडा के ट्रांसपोर्टर्स ने बीच सड़क पर ट्रैफिक इंस्पेक्टर राम रतन सिंह को घेर रखा है. अवैध वसूली का विरोध कर रहे हैं. वीडियो में साफ सुना और देखा जा सकता है कि ट्रैफिक इंस्पेक्टर राम रतन सिंह तीन से चार हजार रुपये मासिक वसूली करते हैं. उसके बाद भी हमारा वाहनों का भारी अनावश्यक चालान कर देते हैं, जबकि सब कागजात हमारे पूरे रहते हैं. उसके बावजूद भी हमारे वाहनों के चालान काट दिए जाते हैं. वहीं, इनका एक वीडियो जीरो पॉइंट पर डबल डेकर बस वालों के साथ मारपीट करते हुए वायरल हुआ था, लेकिन उस मामले में भी कोई कार्रवाई नहीं की गई.


वहीं, ट्रैफिक इंस्पेक्टर राम रतन सिंह का कहना है कि यह वीडियो काफी दिन पुराना है. उन्होंने कहा कि, गलती से गाली निकल गई थी.


ट्रैफिक इंस्पेक्टर की अवैध वसूली के खिलाफ मोर्चा
जनपद के ट्रांसपोर्टर ट्रैफिक इंस्पेक्टर के खिलाफ मिलकर डीसीपी ट्रैफिक से भी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन उनका कहना है कि अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई. हम लोग काफी समय से ट्रैफिक इंस्पेक्टर की शिकायत कर रहे हैं. उल्टा अधिकारी ट्रैफिक इंस्पेक्टर को ही बचाते हुए नजर आ रहे हैं. ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि ट्रैफिक इंस्पेक्टर मंथली न देने पर वाहनों के भारी भरकम चालान काट देते हैं. जिसे हम लोग काफी परेशान हैं. कई बार अधिकारियों से शिकायत कर चुके हैं लेकिन इनके खिलाफ कोई कार्रवाई करने को राजी नहीं है.


उठ रहे सवाल
बड़ा सवाल ये उठता है कि आखिर ऐसे विवादित ट्रैफिक इंस्पेक्टर पर कार्रवाई क्यों नहीं होती. विवादित रसूखदार इंस्ट्रक्टर को कौन अधिकारी संरक्षण दे रहे हैं. जो लगातार पुलिस की छवि को धूमिल करते हुए नजर आ रहे हैं. इनकी कई वीडियो, ऑडियो लगभग 6 माह से सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं. पुलिस अधिकारी जांच के नाम पर पल्ला झाड़ते हुए नजर आ रहे हैं। ऐसे इस्पेक्टर पर कार्रवाई क्यों नहीं करते। क्या पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी इंस्पेक्टर के रसूख के सामने बौने हो गए हैं। जो इस कदर इंस्पेक्टर मनमानी कर रहे हैं कि। अधिकारियों के आदेश की भी पलीता लगाते हुए नजर आ रहे हैं।


ज्वाइंट सीपी ने कही जांच की बात
ज्वाइंट सीपी श्रीपर्णा गांगुली ने बताया कि ट्रैफिक विभाग का एक अभियान चल रहा था, जिसको लेकर कुछ वाहन सीज किए गए थे. इन लोगों ने ही अवैध वसूली को लेकर आरोप लगा रहे हैं. वहीं, इनकी ऑडियो-वीडियो जो भी वायरल हो रहा है, इस मामले में जांच की जा रही है. दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.


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