Noida Twin Tower Demolition: जानिए- कब तक गिराया जा सकता है नोएडा का ट्विन टावर, कहां फंसा है मामला
रियल स्टेट ग्रुप सुपटेक ने रविवार को कहा कि उसने मुंबई स्थित एडिपाइस इंजीनियरिंग के साथ ट्विन टॉवर गिराने के लिए हस्ताक्षर कर लिया है.
Noida Twin Tower Demolition: नोएडा के सेक्टर-93 स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के दो अवैध टॉवरों को गिराने को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है. रियल स्टेट ग्रुप सुपटेक ने रविवार को कहा कि उसने मुंबई स्थित एडिपाइस इंजीनियरिंग के साथ ट्विन टॉवर गिराने के लिए हस्ताक्षर कर लिया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सुपरटेक ने एडिफाइस इंजीनियरिंग के साथ ट्विन टॉवर को गिराने के लिए एडवांस पेमेंट भी कर दिया है. भवन उपनियमों का उल्लघंन कर बनाए गए इस ट्विन टॉवर को शहर के सेक्टर 93A में 40 मंजिला बनाई गई थी. रियल स्टेट ग्रुप सुपरटेक ने टॉवर गिराने की योजना न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण के साथ किए समझौते का ब्योरा साझा किया गया है.
टॉवर गिराने को लेकर सुरटेक ने मांगी एनओसी
नोएडा के सेक्टर 93 स्थित ट्विन टॉवर गिराने को लेकर विस्पोटकों के भंडारण, परिवहन और उसके इस्तेमाल के लिए प्रदूषण नियंत्रण एजेंसी व यातायात डायवर्जन योजनाओं के लिए दस विभागों से एनओसी प्राप्त करने के लिए आवेदिन दिया है. हालांकि इस बहुमंजिला ट्विन टॉवर को गिराने में कितना खर्च आएगा और इसके लिए कितना एडवांस दिया गया है इसकी जानकारी सुपरटेक ग्रुप द्वारा नहीं दी गई है.
इन विभागों से मांगी गई है एनओसी
सुपरटेक ग्रुप ने ट्विन टॉवर गिराने के लिए जिलाधिकारी, सिटी मजिस्ट्रेट, कमिश्नर ऑफ पुलिस, डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस सेंट्रल जोन, डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस ट्रैफिक, मुख्य अग्निशमन अधिकारी, क्षेत्रीय अधिकारी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, प्रबंधक गैस अथारिटी ऑफ इंडिया, एमडी यूपी पावर कारपोरेशन और ज्वाइंट कंट्रोलर ऑफ एक्सप्लोसिव अनुमति मांगी है और आवेदन किया है. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने दो बड़े टावर को ध्वस्त करने का आदेश दिया था. यह मामला कई सालों से अदालत में चल रहा था. कोर्ट के फैसले में सुपरटेक और नोएडा अथॉरिटी की तरफ से की गई गलतियां सामने आई थी.
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