Noida Twin Tower Demolition Highlights: ढहा दिया गया ट्विन टावर, एक धमाके से जमींदोज हुई करप्शन की इमारत, बगल की इमारतों को नहीं हुआ कोई नुकसान
Twin Tower Demolition Highlights Updates: नोएडा (Noida) के सेक्टर-93 ए (Sector-93) स्थित सुपरटेक के ट्विन टॉवर (Supertech Twin Tower) को गिरा दिया गया
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Noida Twin Tower Demolition Highlights: नोएडा (Noida) के सेक्टर-93 ए (Sector-93) स्थित सुपरटेक के ट्विन टॉवर (Supertech Twin Tower) को गिरा दिया गया. 13 साल में बनी दोनों इमारतें टूटने में सिर्फ 12 सेकेंड लगे. ट्विन टावर गिराने का जिम्मा एडिफाइस नाम की कंपनी को मिला था. ये काम प्रोजेक्ट मैनेजर मयूर मेहता की निगरानी में हुआ.
प्रोजेक्ट मैनेजर मयूर मेहता के अनुसार हम टावर गिराने में वाटरफॉल टेक्नीक इस्तेमाल कर रहे हैं. ये एक तरह का वेविंग इफेक्ट होता है, जैसे समंदर की लहरें चलती हैं. पूरी प्रोसेस उसी तरह होगी. बेसमेंट से ब्लास्टिंग की शुरुआत होगी और 30वीं मंजिल पर खत्म होगी. इसे इग्नाइट ऑफ एक्सप्लोजन कहते हैं.
इसके बाद बिल्डिंग गिरना शुरू होगी. इसमें करीब 12 सेकेंड लगेंगे. जहां-जहां कॉलम में हमने बारूद लगाया है, वहां जियोटेक्सटाइल कपड़ा लगाया है. इसमें फाइबर कंपोजिट होता है. अगर कोई चीज इससे टकराती है तो वह कपड़े को फाड़ती नहीं, बल्कि रिवर्स होती है. आसपास की इमारत पर भी कपड़े लगा दिए हैं.
प्रोजेक्ट मैनेजर मयूर मेहता के अनुसार धमाके से हल्के भूकंप के बराबर भी झटका महसूस नहीं होगा. लोगों को हिदायत के तौर पर कहा गया है कि वे टीवी से प्लग निकाल दें और कांच के सामान अंदर रख लें. हवा के दबाव से कांच की चीजें टूट सकती हैं. ब्लास्ट से धूल होगी, लेकिन कितनी, इसका अनुमान नहीं लगाया जा सका है.
बताया जाता है कि ट्विन टावर गिराने के लिए 181 दिन से तैयारी चल रही थी. 21 फरवरी से 350 वर्कर्स और 10 इंजीनियर इस काम में जुटे थे. रविवार की सुबह सात बजे तक आसपास के 500 मीटर में मौजूद सभी 1396 फ्लैट्स खाली करा लिए जाएंगे. टावर के ऊपर 10 किलोमीटर इलाके को नो-फ्लाई जोन बनाने के लिए कहा गया है. आसपास की सड़कों पर आवाजाही बंद रहेगी. दोपहर दो बजे काउंटडाउन शुरू होगा. 2.30 बजे एक रिमोट बटन दबाते ही दोनों टावर मलबे में बदल जाएंगे.
ट्विन टावर गिरने के बाद कैसी है स्थिति?
सुपरटेक ट्विन टावर्स होने के बाद आसपास फैला धूल का गुबार. लेकिन अभी स्थिति नियंत्रण में है. धूल को स्थिर करने के लिए पानी को स्प्रे करने के लिए एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल किया जा रहा है.
#WATCH उत्तर प्रदेश: ध्वस्त सुपरटेक ट्विन टावर्स का मलबा। ध्वस्त होने के बाद आसपास धूल का गुबार फैला। pic.twitter.com/dUrYS56Kej
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 28, 2022
धूल को स्थिर करने के लिए किया जा रहा एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल
सुपरटेक ट्विन टावरों को गिराने के बाद आस पास जमे धूल को स्थिर करने के लिए पानी को स्प्रे करने के लिए एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल किया जा रहा है
नोएडा, उत्तर प्रदेश: सुपरटेक ट्विन टावरों को गिराने के बाद आस पास जमे धूल को स्थिर करने के लिए पानी को स्प्रे करने के लिए एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल किया जा रहा है। #SupertechTwinTowers pic.twitter.com/RmDaHQKFmL
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 28, 2022
नोएडा की CEO रितु माहेश्वरी बोलीं- आस-पास की हाउसिंग सोसाइटियों को कोई नुकसान नहीं
नोएडा की CEO रितु माहेश्वरी ने कहा, 'आस-पास की हाउसिंग सोसाइटियों को कोई नुकसान नहीं हुआ है. अभी कुछ मलबा सड़क की तरफ आया है. हमें एक घंटे में स्थिति का बेहतर अंदाजा हो जाएगा.' लार्जली प्लान के तहत ही सबकुछ हुआ. कोई एक्सप्लोसिव न रहें,इसके लिए जांच की जा रही है अंदर. आसपास की सोसाइटी में कोई डैमेज नहीं हुआ है बाकी की स्थिति के बारे में एक घंटे बाद पता चलेगा. मलबा थोड़ा सा रोड पर आया है, एटीएस की तरफ.
नोएडा के पुलिस कमीश्नर बोले- एसेसमेंट कर रही एकसपर्ट टीम
नोएडा के पुलिस कमीश्नर ने जानकारी देते हुए बताया, 'एकसपर्ट टीम एसेसमेंट कर रही. अभी लार्जली प्लान के अकोर्डिंग ही सबकुछ हुआ. हम साइट पर मलबे को देखने जा रहे हैं.'
पार्श्वनाथ सोसाइटी की बाउंड्री से लग कर लोगों ने देखा ट्विन टॉवर्स का ध्वस्तीकरण.
पार्श्वनाथ सोसाइटी की बाउंड्री से लग कर लोगों ने देखा ट्विन टॉवर्स का ध्वस्तीकरण. इस पल को लोगों ने अपने फोन में कैद किया. ध्वस्तीकरण होने के बाद तालियां बजा कर स्वागत किया और तेज़ी से सुरक्षित जगह पर भागते हुए लोग नजर आए। धुएं के गुबार ने सूरज की रौशनी को मानो कहीं गायब कर दिया.