Twin Towers Demolition: देश भर में सबसे चर्चित नोएडा सेक्टर-93ए में बने सुपरटेक ट्विन टावर (Supertech Twin Tower) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के पर 28 अगस्त के दिन सुरक्षित तरीके से गिरा दिया गया था. सुपरटेक ने एक साथ दो टावर का निर्माण किया था जिसमें से एक की उंचाई 32 मंजिल थी वहीं दूसरे की ऊंचाई थोड़ी कम थी जिसके बाद ट्विन टावर के आसपास रहने वाले सोसाइटी के लोगों ने इस मुद्दे को शासन और प्रशासन के सामने रखा कि नियमों कि अनदेखी करके ट्विन टावर बनाया गया है. एक ओर जहां आरडब्ल्यूए ने ट्विन टावर को अवैध घोषित करवाने की लड़ाई जीत ली और इसे गिरा दिया गया लेकिन अब जो अगली चुनौती है वो है ट्विन टावर का मलबा उठाना और इस जगह को जल्द से जल्द साफ करना. ट्विन टावर गिरने के बाद वहां हजारों टन मलबा इकट्ठा हो गया है.


अब ढका जाएगा ट्विन टावर का मलबा
ट्विन टावर से निकला हजारों टन मलबा 1 अक्टूबर से ढक दिया जाएगा. दरअसल नोएडा में ग्रेप यानी ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू होने जा रहा है जिसके बाद इस मलबे को ढककर ही रखना होगा. इतना ही नहीं वहां पर समय समय पर पानी भी छिड़कना होगा, किसी भी तरह से प्रदूषण न हो इससे जुड़े दिशा निर्देश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एडिफिस इंजीनियरिंग को दे दी है. 


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ढुलाई में लगेगा तीन महीने का समय
एडिफिस एजेंसी के प्रोजेक्ट हेड उत्कर्ष मेहता ने एबीपी न्यूज को बताया कि ट्विट टावर ध्वस्तीकरण के बाद 80 हजार टन मलबा निकला है, जिसका निस्तारण किया जाना है. उन्होंने बताया कि, मलबे को निस्तारित करने से पहले उसे सेग्रीरेट किया जा रहा है, इसके बाद उसके बॉय अथॉरिटी के सी एंड डी वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट भेजा जा रहा है. यह काम अभी 3 दिन पहले ही शुरू हुआ है, जिसमे समय लगेगा. उन्होंने बताया मलबे की ढुलाई में ही लगभग तीन महीने का समय लगेगा है, जिसका मतलब है कि कम से कम नवंबर भी पार हो जाएगा.


किस वजह से मलबा ढंकना जरूरी
इस बीच नोएडा में एक अक्टूबर से ग्रेप लागू होगा, ग्रेप लागू होने के बाद मलबे की ढुलाई से जुड़े प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सभी नियमों का पालन करना होगा.
इसको लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी प्रवीण कुमार ने बताया कि, ग्रेप लागू होने के बाद मलबे पर समय समय पर पानी का छिड़काव करना होगा, साथ में उसे ढंककर रखना होगा और उसको ढुलाई के वक्त भी ढंककर ही ले जाया जाएगा.  


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