Pujari Yadav Death Case: बक्शा थाना पुलिस की कस्टडी में चकमिर्जापुर निवासी पुजारी यादव की मौत के मामले में सीजेएम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने तत्कालीन थानाध्यक्ष सहित नौ पुलिसकर्मियों के खिलाफ गौर जमानती वारंट जारी किया है. बता दें कि फरार चल रहे सभी पुलिसकर्मी घटना के बाद निलंबित कर दिए गए थे. मामले की विवेचना कर रहे क्षेत्राधिकारी बदलापुर ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया कि आरोपितों का पता नहीं चल रहा है। इससे विवेचना प्रभावित हो रही है.
अधिवक्ता हिमांशु श्रीवास्तव ने बताया कि पुजारी की मौत के बाद काफी विवाद हुआ. जिसके बाद 12 फरवरी को इस हंगामे के बाद पुजारी यादव के भाई अजय यादव की तहरीर पर एफआईआर दर्ज हुई. इसमें आरोपित बनाए गए तत्कालीन थानाध्यक्ष अजय कुमार सिंह, एसओजी प्रभारी पर्व कुमार सिंह, कांस्टेबल कमल बिहारी बिंद, जितेंद्र सिंह, राजकुमार वर्मा, श्वेत प्रकाश सिंह, राजन सिंह, जयशील प्रसाद तिवारी, अंगद प्रसाद चौधरी. घटना के बाद सभी को निलंबित कर दिया गया था. तभी से आरोपी फरार चल रहे हैं. अब इनके खिलाफ सीजेएम कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है.
क्या है मामला?
कृष्णा यादव उर्फ पुजारी यादव चकमिर्जापुर गांव का रहने वाला था. सपा कार्यकर्ता पुजारी यादव प्रधानी का चुनाव लड़ना चाहता था. परिवार का आरोप है कि 11 फरवरी की दोपहर एसओजी टीम व थानाध्यक्ष अजय कुमार सिंह फोर्स के साथ उनके घर पर आए और पुजारी को पकड़कर थाने ले गए. परिवार ने बताया कि पुजारी के खिलाफ कोई आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं था. पुलिसकर्मी उसे फर्जी मुकदमे में फंसाने के लिए थाने ले गए.
परिजनों ने आगे बताया कि रात साढ़े 12 बजे एसओजी प्रभारी पर्व कुमार सिंह व थानाध्यक्ष अजय कुमार सिंह बोलेरो व दस मोटरसाइकिल से पुलिसवालों के साथ पुजारी को घर लेकर आए. पुलिसकर्मियों ने पीट-पीटकर उसे अधमरा कर दिया था. पुजारी जब घर पर आया तो वो खड़ा नहीं हो पा रहा था. पुलिसकर्मी इसके बाद घर मे रखी मोटरसाइकिल और पुजारी को फिर थाने ले गए. परिवार वाले मिलने गए तो उन्हें मिलने नहीं दिया गया. सुबह उन्हें सूचना मिली कि पुजारी की मौत हो गई. परिजनों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया.
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