यूपी: अब फाफामऊ घाट पर शवों से चुनरी और रामनामी दुपट्टें गायब, क्या पहचान खत्म करने की हो रही है साजिश?
प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर घाट के बाद अब फाफामऊ घाट पर शवों से चुनरी व लकड़ियां हटाए जाने का मामला सामने आया है. आशंका यह जताई जा रही है कि शवों को दफनाकर श्मशान घाट पर बड़ी संख्या में कब्र बनाए जाने की पहचान को खत्म करने के मकसद से चुनरी -रामनामी दुपट्टे और लकड़ियों को गायब किया गया है.
प्रयागराज. श्रृंगवेरपुर घाट पर दफनाए गए शवों की कब्रों से चुनरी व लकड़ियां हटाए जाने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है. उधर, अब फाफामऊ घाट पर भी ऐसा ही मामला सामने आया है. फाफामऊ घाट पर दफनाए गए सैकड़ों शवों की मिट्टी पर चढ़ाई गई चुनरियों, रामनामी दुपट्टों और कब्रों के अगल-बगल लगाई गई लकड़ियों को न सिर्फ गायब कर दिया गया है, बल्कि इन्हें एक जगह इकठ्ठा कर जला भी दिया गया है. यह शर्मनाक हरकत तब अंजाम दी गई है, जब फाफामऊ के श्मशान घाट पर हर वक्त पुलिस का पहरा रहता है. इसके साथ ही एसडीआरएफ की टीमें मोटरबोट के जरिये गंगा की धारा में लगातार गश्त करते हुए कब्रों की निगरानी करती रहती हैं.
एबीपी गंगा ने श्मशान घाट पर उस जगह को भी ढूंढ निकाला है, जहां कब्रों पर चढ़ाई गई चुनरियों और लकड़ियों को जलाया गया है. उनके अवशेष इसके पीछे किसी बड़ी साजिश का साफ़ इशारा कर रहे हैं. श्रृंगवेरपुर की तरह फाफामऊ घाट की कब्रों पर चढ़ाई गई चुनरियों और लकड़ियों को हटाए जाने का कोई वीडियो या तस्वीर तो अभी तक सामने नहीं आई है, लेकिन श्रृंगवेरपुर की तरह यहां भी सरकारी अमला खुद ही आरोपों के घेरे में हैं. फाफामऊ घाट की सैकड़ों कब्रों पर निशानी यानी पहचान के तौर पर चढ़ाई गई चुनरियों -रामनामी दुपट्टों और लकड़ियों को किसने और क्यों हटाया. हटाए गए सामानों को इकठ्ठा कर उसे आग के हवाले किये जाने की पीछे की मंशा क्या थी, फिलहाल इसका पता नहीं चल सका है.
पहचान खत्म करने की साजिश
आशंका यह जताई जा रही है कि शवों को दफनाकर श्मशान घाट पर बड़ी संख्या में कब्र बनाए जाने की पहचान को खत्म करने के मकसद से चुनरी -रामनामी दुपट्टे और लकड़ियों को गायब किया गया है. दरअसल चुनरी-चादर और दुपट्टों के साथ ही लकड़ियों के घेरे से ही कब्रों की पहचान होती थी, वर्ना गंगा के मैदान में रेत के टीले कछार का हिस्सा ही नज़र आते हैं. शहर से सटे फाफामऊ घाट पर जिस जगह दफनाए गए शवों की कब्रों से कफन चोरी किये गए हैं, वहां इन दिनों शवों का दाह संस्कार करने और लोगों की आवाजाही पर पाबंदी लगी हुई है.
दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित
श्रृंगवेरपुर के मामले में जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी गठित कर दी गई है, लेकिन वीडियो व तस्वीरें सामने आने के बावजूद अभी तक सच से पर्दा नहीं हटाया जा सका है. जिस प्रयागराज में लगने वाले कुंभ और माघ मेलों में अपना सब कुछ दान कर देने की परंपरा हो, वहां कब्रों से कफन चुराने की बढ़ती घटनाएं न सिर्फ शर्मनाक हैं, बल्कि इंसानियत के नाम पर कलंक भी हैं.
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