प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के पुलिस थानों में महिलाओं के लिए अलग शौचालय बनाए जाने के मामले में एबीपी गंगा चैनल की खबर का बड़ा असर हुआ है. खबर दिखाए जाने के बाद यूपी सरकार हरकत में आ गई है और उसने प्रदेश के सभी 1490 पुलिस थानों में महिलाओं के लिए अलग शौचालय बनाए जाने का फैसला किया है. सूबे के गृह विभाग ने इस बारे में इलाहाबाद हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल कर थानों में अलग शौचालय बनाए जाने की योजना के बारे में पूरी जानकारी दी है. एबीपी गंगा के पास यूपी सरकार के हलफनामे और उसमे की गई सरकार की घोषणा के Exclusive रिकार्ड भी हैं.


100 करोड़ रुपये का बजट मंजूर


सरकार ने न सिर्फ सभी थानों में महिलाओं के लिए अलग शौचालय बनाए जाने का एलान किया है, बल्कि करीब एक अरब रूपये का बजट मंजूर करते हुए निर्माण कराने वाली एजेंसी भी तय कर ली है. निर्माण एजेंसी सरकारी ही है. निर्माण का काम उत्तर प्रदेश पुलिस आवास निगम लिमिटेड को दिया गया है. सरकार ने यह भी कहा है कि अलग शौचालयों का काम छह महीने में पूरा कर लिया जाएगा.


दाखिल हुई थी पीआईएल


गौरतलब है कि देश की अलग अलग युनिवर्सिटी और लॉ कॉलेजेज से क़ानून की पढ़ाई कर रही एक दर्जन छात्राओं ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल कर सूबे के पुलिस थानों में महिलाओं के लिए अलग शौचालय बनाए जाने के आदेश दिए जाने की मांग की थी. छात्राओं ने अपनी पीआईएल में कहा था कि सूबे के सत्तर फीसदी से ज़्यादा थानों में महिलाओं के लिए अलग शौचालय नहीं हैं. जो शौचालय हैं, वह भी बेहद खराब हालत में हैं. तमाम तो अब इस्तेमाल के लायक भी नहीं हैं. जिन जगहों पर अलग शौचालय हैं भी, वह सरकारी फंड के बजाय अस्थाई तौर पर जुगाड़ से बने हुए हैं. हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने इस बारे में यूपी सरकार से जवाब तलब कर लिया था.


हमने अपने चैनल पर कुछ दिनों पहले ही इस खबर को प्रमुखता से प्रसारित भी किया था. चैनल पर खबर चलने के बाद सरकार सभी पुलिस थानों में महिलाओं के लिए अलग शौचालय का निर्माण कराने को राजी हो गई है. सरकार द्वारा जानकारी दी गई है कि यूपी में अभी 1490 पुलिस थाने हैं. 23 नए थानों को हाल ही में मंजूरी मिली है. इनमे अभी पूरी तरह से काम शुरू नहीं हो सका है. इन्हें अलग करने पर सूबे में इस वक़्त 1467 थाने काम कर रहे हैं. इनमे 1467 थानों में 1425 खुद की बिल्डिंग में हैं. बीस किराए की बिल्डिंग में चलते हैं, जबकि बाईस दूसरे सरकारी विभागों की बिल्डिंग्स में.


छह महीने में होगा निर्माण


गृह विभाग ने खुद की बिल्डिंग वाले 1425 थानों में स्थाई तौर पर जलापूर्ति सुविधा वाले अलग शौचालय बनाए जाने का फैसला लिया है. इन थानों पर हरेक के लिए साढ़े छह लाख रूपये का बजट निर्धारित किया गया है. इसके अलावा किराए या दूसरे विभागों की बिल्डिंग में चल रहे थानों में प्री फैब्रिकेटेड शौचालय बनाए जाएंगे. इस तरह के हरेक शौचालयों पर साढ़े पांच लाख का खर्च आएगा. सरकारी रिकार्ड के मुताबिक़ सभी पुलिस थानों में महिलाओं के लिए अलग शौचालय बनाए जाने पर कुल 94 करोड़ 93 लाख 50 हज़ार का खर्च आएगा. इनमे से 92 करोड़ 62 लाख का खर्च अपनी बिल्डिंग में चलने वाले 1425 थानों में आएगा, जबकि बाकी 42 थानों के प्री फैब्रिकेटेड थानों के शौचालयों पर दो करोड़ 31 लाख रूपये का खर्च आएगा.


सरकार की तरफ से यह भी कहा गया है कि बजट रिलीज होने के छह महीने में निर्माण का काम पूरा कर लिया जाएगा. निर्माण की ज़िम्मेदारी यूपी पुलिस आवास निगम लिमिटेड को दी गई है. कहा जा सकता है कि एबीपी गंगा चैनल पर खबर दिखाए जाने के बाद यूपी के पुलिस थानों में महिलाओं के लिए अलग शौचालय बनाए जाने का रास्ता साफ हो गया है.


की जाएगी मॉनिटरिंग
पीआईएल दाखिल करने वाली छात्राओं को इंटर्नशिप कराने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के सीनियर वकील कमल कृष्ण राय के मुताबिक़ थानों में महिलाओं के लिए अलग शौचालय बनने के बाद बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. उनके मुताबिक़ कोर्ट में होने वाली अगली सुनवाई पर अदालत से इस केस की मानीटरिंग करने की गुहार लगाई जाएगी. उनका कहना है कि अगर कोर्ट इस मामले में मानीटरिंग करेगा तो न सिर्फ क्वालिटी के साथ निर्माण होगा, बल्कि काम समय से पूरा भी हो जाएगा. छात्रा अंजलि पांडेय, प्रगति यादव, अनुप्रिया और अंशिका यादव का भी कहना है कि अगर कोर्ट इस मामले की मानीटरिंग खुद करेगी तो सभी काम पारदर्शी तरीके से समय पर पूरे हो सकेंगे.


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