अब बीहड़ों में नहीं पनपेंगे डकैत, यूपी एसटीएफ ने आखिरी गैंग का खात्मा किया, पढ़ें इनसाइड स्टोरी
उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की पुलिस के लिये लंबे समय से बीहड़ के डकैत सरदर्द बने थे। लेकिन यूपी एसटीएफ की कार्रवाई के बाद कोल गैंग भी शिकंजे में आ गया.. जिसके बाद यूपी एसटीएफ चीफ अमिताभ यश ने दावा किया है कि अब बीहड़ मे कोई डकैत नहीं होगा
लखनऊ, संतोष कुमार। बीते 50 सालों से उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीहड़ों में आतंक का पर्याय बने डकैतों का पूरी तरह खात्मा हो चुका है। बबली और लवलेश कोल के आखिरी गैंग मेंबर सोहन कोल की गिरफ्तारी के साथ ही बुंदेलखंड के बीहड़ों से दस्यु गैंग साफ हो गए। यूपी एसटीएफ की मदद से चित्रकूट पुलिस ने बबली कोल गैंग के सोहन कोल को ना सिर्फ गिरफ्तार किया बल्कि बुंदेलखंड के इस आखरी गैंग की ताकत बने असलहों को भी बरामद कर लिया है।
चंबल के बीहड़ों से लेकर मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के पाठा क्षेत्र के जंगलों में फैला डकैतों का साम्राज्य अब खत्म हो चुका है। पान सिंह तोमर, मलखान सिंह, रामू मल्लाह, कुसमा नाइन, फूलन देवी, निर्भय गुर्जर, ददुआ, ठोकिया के बाद बीहड़ों में डकैतों की आखिरी पुश्त भी खत्म हो गई है। बीते शनिवार को सतना के जंगलों में लवलेश और बबली कोल गैंग में अपहरण की रकम को लेकर हुए गैंगवार और फिर गैंगवार में बबली और लवलेश कोल की हत्या ने डकैतों के खात्मे को पूरा कर दिया। दो दिन पहले मध्य प्रदेश पुलिस ने बबली और लवलेश कोल की लाश बरामद की और आज यूपी एसटीएफ ने बबली कोल गैंग के गैंगवार में फरार हुए सोहन कोल को गिरफ्तार कर लिया। पांच सदस्य कोल गैंग में बबली और लवलेश कोल मारे गए। सोहन कोल को यूपी पुलिस ने दबोच लिया, लाली कोल मध्य प्रदेश पुलिस की गिरफ्त में है।
बीते 10 सालों से डकैतों के सफाए में जुटी यूपी एसटीएफ अब 2009 में हुई गलती को नहीं दोहराना चाहती। 2009 में ठोकिया के सफाए के बाद भी माना जाने लगा कि अब बीहड़ों से डकैत खत्म हो गए यूपी एसटीएफ की टीमें वापस आ गई तो नतीजा बबली और लवलेश कोल जैसे छोटे गैंग पनप आए। लेकिन इस बार इस गलती को नहीं दोहराने वाली, लगातार बुंदेलखंड के बीहड़ों पर नजर रखेगी और किसी भी गिरोह को पनपने से पहले ही खात्मे की प्लानिंग जुट जाएगी।
लंबे समय से ऑपरेशन जंगल को चलाने वाली यूपी एसटीएफ चीफ अमिताभ यश की माने तो अब बीहड़ों में डकैतों का पनपना आसान भी नहीं होगा। जिस वक्त ददुआ, ठोकिया, निर्भय गुर्जर जैसे डकैत इन जंगलों में पनाह पाते थे उन जंगलों में गांव वाले भी रहते थे, लिहाजा जंगलों के बीच गांव में इनको पनाह मिलती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं है। जंगल भी साफ हो रहे हैं और गांव वाले भी अब मैदान में बस रहे हैं। ऐसे में जहां डकैतों को पनाह मिलना मुश्किल हो रहा है वहीं दूसरी ओर लगातार ऑपरेशन चलाने के चलते यूपी एसटीएफ भी इन जंगलों से वाकिफ हो गई है उसके पास ट्रेंड कमांडो हैं जिससे इनके खिलाफ आपरेशन भी इनके खिलाफ कारगर हथियार बनेगा।