अब गीत भावनात्मक जुड़ाव के बारे में नहीं है, बल्कि हिट की मारामारी है : हरिहरन
सुप्रसिद्ध गायक हरिहरन अपने तीन दशक लंबे करियर में अपनी सुरीली आवाज से श्रोताओं का भरपूर मनोरंजन करते रहे हैं।
सुप्रसिद्ध गायक हरिहरन अपने तीन दशक लंबे करियर में अपनी सुरीली आवाज से श्रोताओं का भरपूर मनोरंजन करते रहे हैं। दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता रह चुके हरिहरन कई शैलियों के गीत गाए हैं जिनमें बॉलीवुड म्यूजिक, गजल, ख्याल और फ्यूजन गीत रहे हैं। आज संगीत की दुनिया में आए बदलावों पर बात करते हुए हरिहरन ने आईएएनएस को बताया, "मैं व्यक्तिगत रूप से किसी की बात नहीं करना चाहूंगा लेकिन मैं उस ट्रेंड के बारे में बात करना चाहूंगा जो काफी लंबे समय से जारी है और व्यवसायिक रूप से लाभ प्राप्त कर रहा है। पिछले कुछ सालों से जब गाने रिलीज होते हैं, तो इसमें श्रोताओं के साथ भावनात्मक जुड़ाव की बात नहीं की जाती है बल्कि इसे कितने हिट और क्लिक मिल रहे हैं यह ज्यादा जरूरी हो गया है। पहले गीत ज्यादा मायने रखते थे लेकिन अब ऐसा नहीं है और यही वजह है कि कम्पोजर पुराने गीतों को उठाकर उसे नए इंस्ट्रूमेशन के साथ पेश कर रहे हैं। पुराने गीत ही क्यों? क्योंकि इनकी अपनी एक प्रतिष्ठा होती थी।" . क्या वह चाहेंगे कि उनके किसी गीत को रीक्रिएट किया जाए? इस पर उन्होंने कहा, "नहीं, प्लीज नहीं। मेरे गाने मेरे दिल के बहुत करीब है और यह मेरे प्रशंसकों के दिलों के भी बहुत करीब है, तो प्लीज नहीं!"