Uttar Pradesh: सरकारी दफ्तरों में हमें अक्सर काम पड़ता ही रहता है. इसके लिए कई बार हमें दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं. लेकिन अब बहुत हद तक सरकारी काम ऑनलाइन हो गया है. ऑनलाइन काम होने की वजह से लोगों को काफी सहुलियत मिल रही है. उत्तर प्रदेश में निवेश करने वालों के लिए सरकारी दफ्तरों में दौड़ भाग करने की तादाद तेजी से कम हो रही है. लगातार ऑनलाइन डिजिटल सेवाओं में सुधार के कारण निवेशकों को आसानी हो रही है. यही नहीं ऑनलाइन सेवाओं से लोगों की संतुष्टि का स्तर भी बढ़ा है.


अब ऑनलाइन काम होने से समय बचता है
यूपी में निवेश करने वाले उद्ययोगपति मानते हैं कि पहले जहां विभिन्न तरह के लाइसेंस और अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए काफी चक्कर काटने पड़ते थे. लेकिन अब ऑनलाइन काम होने से समय बचता है, साथ ही सरकारी दफ्तरों में इधर-उधर भटकना नहीं पड़ता. 145 औद्योगिक क्षेत्रों वाले उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण के तहत साल 2019-20 में प्रोजेक्ट लगाने के लिए सरकारी कार्यालयों में दौड़ भाग करने वालों की तादाद 52 प्रतिशत थी.


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वहीं साल 2021-22 में इसकी संख्या घटकर केवल 10 प्रतिशत रह गई है. अब निवेशकों के 90 प्रतिशत काम ऑनलाइन हो रहे हैं, निवेशकों के लिए फीडबैक के आधार पर उनकी संतुष्टि स्तर 3 साल में 79 प्रतिशत से बढ़कर 95 प्रतिशत तक पहुंच गया है.


मुख्यमंत्री के निर्देश पर हो रहा काम-मयूर माहेश्वरी 
यूपीसीडा के एमडी मयूर माहेश्वरी ने कहा कि "मुख्यमंत्री के निर्देश पर ऑनलाइन सेवाओं को दो से बढ़ाकर 35 तक पहुंचा दिया गया है. ऐसी व्यवस्था बनाई जाएगी कि किसी निवेशक को कहीं आना-जाना ना पड़े, तय समय सीमा में उसे लाइसेंस और एनओसी दे दी जाए."


निवेशकों के प्रोजेक्ट बिना भागदौड़ के मंजूर हो रहे
वहीं फ्लिपकार्ट के चीफ कॉरपोरेट ऑफिसर रजनीश कुमार कहते हैं कि यूपी में निवेशकों के प्रोजेक्ट बिना भागदौड़ के मंजूर हो रहे हैं. जबकि कोसीकला मथुरा में एयर लिक्विड कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर प्रसून लोध कहते हैं कि ऑनलाइन आवेदन एक हफ्ते में मंजूर हो जा रहा है.


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