देहरादून, एबीपी गंगा। बिजली उपभोक्ताओं के पास लॉकडाउन के दौरान एनआर के बिल ज़्यादा आये हैं, जिसमें रीडिंग ना होने पर बिल की राशि ज़्यादा है। ऐसे में उपभोक्ताओं के सामने बिल जमा करने का संकट आ गया है। उपभोक्ताओं का कहना है कि जिन घरों में वो रहे भी नहीं वहां के बिल भी बिजली विभाग के द्धारा अधिक राशि के भेजे गये हैं। साथ ही जहां लॉकडाउन के चलते पूरा कारोबार चौपट हो गया वहीं बिजली के ये बढ़ाये गये बिल कैसे जमा हो पायेंगे।
इसी को लेकर जब एबीपी गंगा ने जब उत्तराखंड पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) से सवाल किया तो विभाग का कहना है कि घरेलू उपभोक्ताओं के बिलों को एनआर में भेजा गया है। एक साल के औसत के हिसाब से ये बिल बनाये गये हैं। यूपीसीएल का कहना है कि काफी संख्या में उपभोक्ता हैं, ऐसे में सभी की रीडिंग नहीं ली जा सकी। इन बिलों को आगे के बिलों में एडजस्ट किया जायेगा।
यूपीसीएल का कहना है कि अभी एनआर के अलावा कोई और तरीक़ा उनके पास नहीं है। भले ही यूपीसीएल ये कह रहा हो कि उसके पास एनआर के अलावा कोई दूसरा ऑप्शन नहीं है लेकिन लॉकडाउन में चौपट हुए कारोबार के बीच बिजली के बढ़े हुए बिल मिलने से लोगों के सामने दिक्कतें जरूर आ गई हैं।