(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
UP News: शाहजहांपुर में NRI पत्नी को मौत की सजा, प्रेमी के साथ मिलकर की थी पति की हत्या
Shahjahanpur Murder Case: सुखजीत सिंह इंग्लैंड के डर्बी शहर में नौकरी करता था. वहीं रमनदीप कौर से उसने शादी की थी. 2016 में सुखजीत सिंह की उसकी पत्नी ने शाहजहांपुर में हत्या की थी.
Shahjahanpur News: शाहजहांपुर जिले में सात वर्ष पूर्व अनिवासी भारतीय (एनआरआई) सुखजीत सिंह (34 वर्ष) की हुई हत्या के मामले में अदालत ने मृतक की ब्रिटिश नागरिक पत्नी को मौत की सजा सुनाई है. अधिकारियों ने शनिवार (7 अक्टूबर) को ये जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अदालत ने वारदात में महिला का साथ देने के दोषी उसके प्रेमी को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंकज कुमार श्रीवास्तव ने रमनदीप कौर (मृतक सुखजीत सिंह की पत्नी) को दोषी ठहराया. उसके दोस्त और साथी गुरप्रीत सिंह को भी दोषी ठहराया गया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई और उस पर तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. अदालत ने गुरप्रीत को शस्त्र अधिनियम के तहत भी दोषी करार दिया और 10,000 रुपये का अर्थदंड और तीन साल कैद की सजा सुनाई.
क्या है पूरा मामला?
अपर जिला शासकीय अधिवक्ता श्रीपाल वर्मा ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई को बताया कि थाना बंडा के बसंतापुर गांव में रहने वाले सुखजीत सिंह वर्ष 2002 में इंग्लैंड नौकरी करने गया था. वहीं, इंग्लैंड के डर्बी शहर में रहने वाली रमनदीप कौर से उसकी दोस्ती हो गई बाद में दोनों ने 2005 में शादी कर ली. सुखजीत डर्बी में रहकर ट्रक चलाता था. उन्होंने बताया कि सुखजीत, रमनदीप और दो बच्चों के साथ 28 जुलाई 2016 को शाहजहांपुर आया था.
प्रेमी के साथ मिलकर की हत्या
उन्होंने बताया कि एक सितंबर 2016 को जब वह अपने घर में अपने बेटों अर्जुन और आर्यन के साथ सो रहा था, तभी पत्नी रमनदीप ने धारदार हथियार से अपने मित्र गुरप्रीत सिंह उर्फ मिट्ठू के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी. मामले में आरोपी गुरप्रीत और रमनदीप को गिरफ्तार का जेल भेज दिया गया था. वर्मा ने बताया कि सुखजीत की हत्या के बाद, रमनदीप के माता-पिता ने अपने पोतों का संरक्षण प्राप्त करने के लिए इंग्लैंड की एक अदालत में अर्जी दी थी. हालांकि, अदालत ने उनकी अर्जी खारिज कर दी और कहा कि नाबालिग बच्चों को पिता पक्ष के रिश्तेदारों के साथ रहना चाहिए.
बेटे ने दी थी गवाही
अधिवक्ता के मुताबिक, "अर्जुन ने अपनी गवाही में अदालत को बताया कि वह पिता के साथ सो रहा था तभी आवाज से उसकी आंख खुल गई. उसने देखा कि उसकी मां रमनदीप पिता के पेट पर बैठी तकिए से उसका मुंह दबा रही है, इसके बाद मिट्ठू ने हथौड़े से पिता के सिर पर दो बार वार किया, इसपर रमनदीप ने कहा कि अभी (सुखजीत) जिंदा है, खत्म कर दो. तब मिट्ठू ने जेब से चाकू निकाल कर रमनदीप को दिया और रमनदीप ने उसकी (सुखजीत) गर्दन रेत दी."
पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने शनिवार को बताया कि अदालत के इस फैसले की जानकारी विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय और दूतावास को भेजी जा रही है. वर्मा से पूछा गया कि क्या किसी ब्रिटिश नागरिक को भारत की अदालत मौत की सजा दे सकती है, तो उन्होंने कहा, "क्यों नहीं? उसने यहां अपराध किया था और यह उसका ससुराल है. वह यहीं रह रही थी." उन्होंने कहा, "अपराध करने से पहले वह शाहजहांपुर में थी और अपराध करने के बाद भी वह शहर में ही थी."
सुखजीत सिंह की मां ने जताई खुशी
सुखजीत सिंह की मां वंशजीत कौर ने अदालत के फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि बहुत अच्छा महसूस कर रही हूं. उन्होंने कहा, "यह होना चाहिये था. जो मैं भगवान से मांग रही थी जो मैं अदालत से मांग रही थी, वह मिल गया." वंशजीत कौर ने कहा, "मैं यही मांग रही थी कि फांसी की सजा हो ताकि आगे चलकर किसी मां का बच्चा न खत्म हो."
ये भी पढ़ें-