Kanpur News: कानपुर में नेशनल टेक्सटाइल कॉरपोरेशन (NTC) ने कई दशकों बाद अपने बंगलों को खाली करवाने का काम शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में करीब 46 साल से कब्जाए गए दो बंगलों को कब्जा मुक्त करवाया गया. अथर्टन मिल के इन दोनों बंगलों पर राजीव चांदगोठिया ने कई वर्षों से कब्जा कर रखा था. एनटीसी अधिकारियों की मानें तो 5 एकड़ से ज्यादा इलाके में फैले बंगलों को कब्जा मुक्त कराने के साथ ही कब्जाधारी राजीव से 20 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति भी वसूल की गई है.


कोर्ट के आदेश पर खाली हुआ बंगला
एनटीसी की अधिकारियों की मानें तो कब्जा मुक्त कराए गए बंगलों की कीमत करीब साठ करोड़ रुपये है. दरअसल, जिला जज संदीप जैन ने बीती 11 जनवरी को राजीव चांद गोठिया की अपील खारिज कर दी. इसके साथ ही कोर्ट ने अफने आदेश में कहा कि एक हफ्ते के भीतर बंगला खाली कर दिया जाए. क्योंकि एनटीसी के पास अनवरगंज स्थित फोकलैंड बंगला नंबर 84/45 और विनबर्टन बंगला नंबर 84/45-46 पर 1976 से अथर्टन मिल्स कंपनी कानपुर का स्वामित्व था.




लंबी कानूनी लड़ाई के बाद मिली सफलता
दरअसल कंपनी की चल-अचल संपत्ति, संयंत्र, मशीनरी आदि को राष्ट्रीयकरण नीति के तहत एक अप्रैल 1995 को एनटीसी में शामिल किया गया था. बाद में सभी संपत्तियों पर केंद्र सरकार का अधिकार हो गया. बावजूद इसके इन दोनों बंगलों पर राजीव चांद गोठिया सालों से कब्जा जमाए बैठे थे. इन्हें साल 2003 में कानूनी नोटिस दिया गया. इसके बाद इस्टेट अफसर ने 24 सितंबर 2013 को बंगला खाली करने का आदेश दिया. इस आदेश के खिलाफ राजीव ने जिला जज की अदालत में अपील दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. इसके बाद ये कार्रवाई को अंजाम दिया गया. कोर्ट के आदेश के अनुपालन के क्रम में राजीव के बेटे सिद्धार्थ ने 20 लाख का चेक दिया. इस मौके पर प्रभारी अधिकारी सतीश कुमार, विधिक सलाहकार एसएन सिंह, आलोक प्रताप सिंह, मिल प्रभारी अजीत सिंह मौजूद रहे. इस दौरान राजीव के बेटे सिद्धार्थ ने सभी औपचारिकता पूरी की. 


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