UP Panchayat Election 2021: आरक्षण प्रस्ताव पर सामने आने लगी आपत्तियां, 15 मार्च तक जारी होगी फाइनल लिस्ट
यूपी में पंचायत चुनाव के लिये जारी की गई आरक्षण सूची पर आपत्तियां दर्ज की जा रही हैं. जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में ये आठ मार्च तक दी जा सकती हैं.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिये आरक्षण सूची जारी की जा चुकी है. वहीं, अलग-अलग पदों के जारी सूची को लेकर आपत्तियों के आने का सिलसिला भी शुरू हो गया है. प्रधान, बीडीसी व जिला पंचायत सदस्य को लिये राजधानी लखनऊ में पहले दिन यानी गुरुवार को लगभग 14 आपत्तियां दर्ज की गई. जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय से ये जानकारी सामने आई. बता दें कि, आरक्षण से जुड़ी आपत्तियां आठ मार्च तक ली जाएंगी. वहीं, 15 मार्च को आपत्तियों के निस्तारण के बाद इसे अंतिम रूप देकर प्रकाशित कर दिया जाएगा.
लखनऊ की आपत्तियां
वहीं, लखनऊ में प्रधान पद के लिये आपत्तियां दर्ज की गई हैं. तकरीबन चार सीटों के लिये आधा दर्जन से ज्यादा आपत्तियां दाखिल की गई हैं. बीकेटी बीडीओ कार्यालय के मुताबिक, प्रधान की अनारक्षित सीट सोनवा के लिए आरक्षण पर रामपाल की ओर से आपत्ति दर्ज कराई गई. गुलालपुर के लिए बीजेपी से अनुराग सिंह और राम प्रवेश पाल की ओर से आपत्तियां दर्ज की गई हैं. सुभाननगर अरिगवा में निवर्तमान प्रधान लक्ष्मण प्रसाद ने और पारा के लिए मतीन राम गोपाल ने आपत्ति की.
आपत्ति का निस्तारण कर सीडीओ को भेजने होगी रिपोर्ट
मुख्य विकास अधिकारी ने जानकारी देते हुये कहा कि, आरक्षण के विरुद्ध आपत्ति विकास खंड कार्यालय, जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय या डीएम दफ्तर में दर्ज कराई जा सकती हैं. संबंधित अधिकारी रोजाना आने वाली आपत्तियों को रजिस्टर में दर्ज करेंगे. इनके विवरण के आधार पर आपत्ति का निस्तारण करते हुए रिपोर्ट सीडीओ को भेजेंगे.
मेरठ में 21 आपत्तियां दर्ज की गईं
दूसरी तरफ पहले दिन मेरठ में गुरुवार को जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में आरक्षण के विरुद्ध 21 आपत्तियां दर्ज हुईं. सबसे अधिक आपत्तियां प्रधान पद पर आरक्षण के प्रस्ताव पर थी, वहीं, तीन आपत्तियां जिला पंचायत सदस्य और एक क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के लिए दर्ज की गई.
आरक्षित सीटों पर उठाय गये ये सवाल
आपत्ति दर्ज करने वालों ने आरक्षण सूची पर सवाल उठाया. उनका कहना था कि, जहां अनुसूचित जाति का एक भी वोट नहीं है, उस गांव की सीट को आरक्षित कर दिया गया. वहीं, जहां पिछड़ा वर्ग नहीं है, उसे पिछड़ा वर्ग में आरक्षित कर दिया गया है. इसके अलावा कई दावेदारों ने बीजेपी से साठगांठ का आरोप भी लगाया है.
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