UP Politics: ट्रेन एक्सीडेंट पर दूसरी सरकार को कोस रहे थे BJP सांसद मनोज तिवारी, उसी समय ओडिशा में हुआ भीषण रेल हादसा
Manoj Tiwari On Train Accident: मनोज तिवारी ने कहा कि दूसरी सरकार में मीडिया की हेडलाइन होती थी कि आज एक ट्रेन हादसा हो गया, जिसमें 280 लोगों की मौत हो गई, 900 घायल हो गए, ट्रेन यहां पटरी से उतर गई.
BJP Maha Sampark Abhiyan: बीजेपी सांसद मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) शुक्रवार की शाम महा जनसंपर्क अभियान की शुरुआत करने उत्तर प्रदेश (UP) के बाराबंकी (Barabanki) पहुंचे. इस दौरान बीजेपी सरकार (BJP Government) की तारीफ करते हुए मनोज तिवारी ने ट्रेन हादसों पर दूसरी सरकार को कोस रहे थे. मनोज तिवारी का कहना था कि दूसरी सरकार में मीडिया की हेडलाइन होती थी 'आज एक दुखद ट्रेन हादसा हो गया, जिसमें 280 लोगों की मौत हो गई 900 घायल हो गए, ट्रेन यहां पटरी से उतर गई'.
मनोज तिवारी ने कहा कि अब बीजेपी सरकार में यह हेडलाइन होती है कि आज 10वीं वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत हो गई, 20वीं वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत हो गई. मनोज तिवारी के इस बयान के कुछ ही देर बाद ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनों के आपस में टकराने से भीषण हादसा हो गया. इस हादसे में अब तक 288 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 1000 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं.
जितिन प्रसाद भी पहुंचे थे बाराबंकी
दरअसल मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने पर महा जनसंपर्क अभियान की शुरुआत करने सांसद मनोज तिवारी और योगी सरकार में लोक निर्माण मंत्री के साथ-साथ जिले के प्रभारी मंत्री जितिन प्रसाद बाराबंकी पहुंचे थे. इस मौके पर जिला पंचायत सभागार में बीजेपी ने प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया था. इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे सांसद मनोज तिवारी प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए दूसरी सरकार में हुए ट्रेन हादसों पर उन्हें जिम्मेदार ठहरा रहे थे.
'अब वंदे भारत में स्लीपर क्लास होगी'
बीजेपी सांसद ने कहा कि दूसरी सरकार में मीडिया की हेडलाइन होती थी कि ट्रेन का दुखद दुर्घटना हो गया, एक साथ ट्रेन में 280 लोग मर गए, 900 घायल हो गए. ट्रेन यहां पटरी से गिर गई, ट्रेन यहां पटरी से उतर गई. अब बीजेपी सरकार में यह हेडलाइन होती है कि आज 10वीं वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत हो गई. हमारे रेल मंत्री ने कहा कि अभी वंदे भारत में बैठते थे. अब वंदे भारत में स्लीपर क्लास होगी. हमारा अधिकार हेडलाइन चेंज करने का नहीं था. हमारा अधिकार काम करने का था इसलिए हेडलाइन बदलती गई.