पीएम मोदी के सपनों पर पलीता लगा रहे हैं अधिकारी, उद्घाटन से पहले ही खंडहर हुए करोड़ों की लागत से बने मकान
डूडा की 127 करोड़ रुपए की योजना में आवास बनाने की जिम्मेदारी आगरा विकास प्राधिकरण को सौंपी गई. लेकिन, एडीए के इंजीनियरों ने नरायच और शास्त्रीपुरम में जो आवास बनाए वो आवंटन और गृह प्रवेश से पहले ही खंडहर में तब्दील हो गए हैं.
आगरा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि साल 2022 तक हर गरीब के सिर पर छत हो. लेकिन, आगरा में पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के सपनों को पलीता लगाया जा रहा है. भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी की सीमेंट और बालू से शहरी गरीबों के लिए नरायच में बनाए गए 3640 मकान गृह प्रवेश से पहले ही खंडहर हो गए है.
कॉलम और स्लैब में दरारें आ गई हैं 127 करोड़ रुपए की लागत से BPSU (बेसिक सर्विसेज फॉर अर्बन पुअर) योजना के तहत आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) ने नरायच में 3640 मकान और शास्त्रीपुरम में 1360 मकानों का निर्माण कराया. लेकिन, नरायच में उद्घाटन से पहले ही बिल्डिंग ऐसी नजर आने लगी है जैसे सैकड़ों साल पुरानी हो. हर मंजिल के बीम, कॉलम और स्लैब में दरारें आ गई हैं. साथ ही गुणवत्ता इतनी खराब है कि जहां हाथ रख दो, वहीं से सीमेंट उखड़ने लगता है.
बर्बाद किया जा रहा है जनता का पैसा हौरान करने वाली बात ये है कि जिन बिल्डिंगों में भ्रष्टाचार का सीमेंट लगाया है, उसकी जांच के नाम पर भी जनता का पैसा बर्बाद किया जा रहा है. आगरा विकास प्राधिकरण ने मकानों के टूटने पर आईआईटी रुड़की से स्ट्रक्चरल (ढांचे की) जांच कराने के लिए 67.50 लाख रुपए भी जारी कर दिए हैं.
हो सकता है हादसा डूडा की 127 करोड़ रुपए की योजना में आवास बनाने की जिम्मेदारी आगरा विकास प्राधिकरण को सौंपी गई. लेकिन, एडीए के इंजीनियरों ने नरायच और शास्त्रीपुरम में जो आवास बनाए वो आवंटन और गृह प्रवेश से पहले ही खंडहर हो गए. बीम में दरारों के कारण ये आवास कभी भी गिर सकते हैं.
लापरवाह हैं जिम्मेदार गरीबों के लिए बनाए बेसिक सर्विसेज फॉर अर्बन पुअर (बीएसयूपी) योजना में हुई कमीशन खोरी और भ्रष्टाचार बताता है कि किस तरह करप्शन को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति के बावजूद जिम्मेदार पूरी तरह लापरवाह और बेखौफ हैं. छत टपक रही है, हाथ लगाते ही प्लास्टर झड़ रहा है, पीली ईंटों से बने आवासों में प्लास्टर टूटकर गिर रहा है. जल आपूर्ति की कोई व्यवस्था नहीं है और टॉयलेट चोक है. सीवर लाइन बिछाई नहीं गई. बिजली के स्विच आवासों में नहीं लगाए गए. बिजली का कनेक्शन न होने से ब्लॉक में अंधेरा है.
गरीबों के हक पर डाका पूरे मामले को लेकर हाल ही में चार्ज लेने वाले कमिश्नर आगरा अमित गुप्ता जो आगरा विकास प्राधिकरण के चेयरमैन भी हैं उनसे बात की गई तो उन्होंने मामले को गंभीर बताते हुए जांच की बता कही. वहीं, स्थानीय विधायक रामप्रताप चौहान कहते हैं कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का सपना है कि हर गरीब को छत मिले, ऐसे में अधिकारियों की कारगुजारी से गरीबों के हक पर डाका पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि वो मामले में उच्चस्तरीय जांच के लिए मुख्यमंत्री और नगर विकास मंत्री को चिट्ठी लिखेंगे और व्यक्तिगत तौर पर भी अवगत कराएंगे.
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