लखनऊ: उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा और सम्मान पर अब आंच नहीं आएगी. योगी सरकार मजदूरों की सुरक्षा और सम्मान के लिए दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे शहरों में अपने अफसरों की तैनाती करने जा रही है. योगी सरकार प्रवासी मजदूरों की अधिक संख्या वाले शहरों में अफसरों की तैनाती कर प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा और सम्मान की निगरानी रखेगी. अपने मजदूरों की सुरक्षा और सुविधा को लेकर दूसरे राज्यों में अफसरों की तैनाती करने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य होगा.


दिल्ली, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, गुजरात और आंध्र प्रदेश समेत तमाम राज्यों के आर्थिक विकास और उद्योगों की रीढ़ बन चुके यूपी के लाखों प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा और सम्मान पर योगी सरकार की पैनी नजर होगी. योजना की शुरूआत मुंबई में अफसरों की तैनाती से होने जा रही है. तय योजना के मुताबिक, मुंबई में राज्य सरकार के दो अफसरों की तैनाती की जाएगी. मुंबई में मौजूद रह कर ये अफसर यूपी के मजदूरों को मिल रही सुविधा, सुरक्षा और सम्मान पर नजर रखेंगे. प्रवासी मजदूरों के साथ कुछ भी गलत होने पर यूपी के अफसर स्थानीय प्रशासन से बात कर समस्या का समाधान करायेंगे और इसकी रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजेंगे. मुंबई में मौजूदगी के दौरान अफसर यूपी सरकार द्वारा शुरू की जा रही योजनाओं की जानकारी भी प्रवासी मजदूरों तक पहुंचाएंगे. ताकि जो मजदूर नई योजनाओं का लाभ लेने के लिए वापस आना चाहें तो उन्हें सुविधा मिल सके.


कोरोना काल में मजदूरों को जबरन बाहर कर दिया गया था


गौरतलब है कि कोरोना काल में दिल्ली, मुंबई में रह रहे लाखों मजदूरों को जबरन बाहर कर दिया गया था. राज्य के बाहर रह रहे प्रवासी मजदूरों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किए जाने की खबरें भी आती रही हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश वित्त निगम को भी देश भर में रह रहे यूपी के प्रवासी मजदूरों के हाल पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं.


उत्तर भारतीय मोर्चा मुंबई के अध्यक्ष जेपी सिंह ने योगी सरकार के इस कदम का स्वागत किया है. जेपी सिंह कहते हैं कि अपने मजदूरों का इस हद तक ध्यान रखने वाली यूपी की यह पहली सरकार होगी. अफसरों की मौजूदगी से यहां काम करने वाले मजदूरों की कई समस्याओं का समाधान हो जाएगा. परदेस में रह रहे हर मजदूर को सहारा मिल जाएगा.


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