गोंडा: गोंडा से हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है. यहां एक बुजुर्ग खुद को जिंदा होने का सबूत पेश कर विकास भवन के चक्कर काट रहा है. जी हां, सरकारी फाइलों में लापरवाह अधिकारियों व कर्मचारियों ने वृद्ध श्याम बिहारी को मृत घोषित कर दिया था लेकिन वह खुद जीवित होने का सबूत लेकर समाज कल्याण अधिकारी के कार्यालय सहित विकास भवन के चक्कर लगाकर खुद जीवित होने का सबूत दे रहा है. वे पहले मिल रही पेंशन को फिर से मिलने की आस लगाए हुए हैं.


विभाग की लापरवाही


पूरा मामला पंडरी कृपाल ब्लॉक के मुंडेरवा कला का है. जहां पर बुजुर्ग श्याम बिहारी 2005 से पेंशन का लाभ ले रहे थे लेकिन जब फिर से सत्यापन कराया गया तो वहां की मौजूदा ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी ने खेल करते हुए उस बुजुर्ग को मृत दिखा दिया. ग्राम पंचायत अधिकारी की रिपोर्ट पर समाज कल्याण विभाग ने श्याम बिहारी की पेंशन रोक दी और जब पेंशन श्याम बिहारी को नहीं मिली तो वे अब विभाग के चक्कर काट रहे हैं. उनको जानकारी हुई कि आप की मौत हो चुकी है. श्याम बिहारी पेंशन की मांग कर रहे हैं कि हमको पहले की तरह पेंशन मिले, जिससे हमारा घर का खर्चा चले. वहीं, प्रशासनिक अधिकारी हैरत में है. जानकारी होने पर समाज कल्याण विभाग ने इनकी जब फाइल खोली तो पता चला कि ग्राम पंचायत अधिकारी की रिपोर्ट पर इनका पेंशन काटा गया है. अब पूरे प्रकरण की जांच कराई जा रही है. जांच रिपोर्ट आने के बाद लापरवाह ग्राम पंचायत अधिकारी पर कार्रवाई होना तय माना जा रहा है.


2005 से मिल रही थी वृद्धावस्था पेंशन


लापरवाह ग्राम पंचायत अधिकारी ने बुजर्ग की आखिरी आस पर पानी फेर दिया. पंडरी कृपाल ब्लॉक के मुंडेरवा कला गांव के रहने वाले बुजुर्ग श्याम बिहारी को 2005 से वृद्धावस्था पेंशन मिल रही थी, इनको जून 2019 तक पेंशन का लाभ मिल चुका है, लेकिन जब समाज कल्याण विभाग ने पेंशन धारकों का सत्यापन कराया गया तो सत्यापन कराने वाले ग्राम पंचायत अधिकारी ने श्याम बिहारी को मृत घोषित कर दिया और उनकी सत्यापन रिपोर्ट विभाग को भेज दी. सत्यापन रिपोर्ट की पड़ताल किए बगैर उनकी पेंशन बंद कर दी गई. तब से श्याम बिहारी पेंशन को छोड़ खुद को जिंदा दिखाने की खातिर विभागीय अफसरों के चक्कर काट रहा है लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हो रही है. श्याम बिहारी का आरोप है कि मौजूदा ग्राम प्रधान व सेक्रेटरी ने मिलकर उनको मृत दिखा दिया.


जांच के आदेश


वहीं, पूरे मामले पर समाज कल्याण अधिकारी मोतीलाल का कहना है कि आपके द्वारा पूरा प्रकरण संज्ञान में आया है. इनको जून सन 2019 तक पेंशन का लाभ मिला है और सत्यापन के बाद इनको मृत घोषित किया गया. ग्राम पंचायत अधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर उन को मृत घोषित किया गया. सत्यापन के आधार पर अग्रिम पेंशन दी जाती है. जांच करवाई जा रही है. प्रथम दृष्टया ग्राम पंचायत अधिकारी के रिपोर्ट पर इनको मृत घोषित किया गया है, जिसके आधार पर इनकी पेंशन रोक दी गई है. पूरे प्रकरण की जांच करवाई जा रही है. जांच के बाद जो भी कर्मचारी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और श्याम बिहारी को पूर्व की भांति वृद्धावस्था पेंशन देने का काम भी किया जाएगा.


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