गाजीपुर. यूपी के गाजीपुर जिले में समाज कल्याण विभाग का कारनामा देखने को मिला है. जहां पर एक 85 साल की वृद्धा ने करीब 6 महीने पहले वृद्धा पेंशन के लिए आवेदन किया था. विभाग के अधिकारियों ने वृद्धा पेंशन देने की बजाय उसे वेरिफिकेशन के दौरान मृत बता दिया. बुजुर्ग की व्यथा जानकर एक समाज सेविका ने जिलाधिकारी से गुहार लगाई. वहीं, जिलाधिकारी ने तत्काल जिम्मेदार अधिकारी को इस मामले का निपटारा करने का निर्देश दिया और देर शाम होते ही विभागीय अधिकारियों ने मृत महिला को जिंदा कर उसे पेंशन दिए जाने की ऑनलाइन कार्यवाही पूरी कर दी.
बुजुर्ग भवली देवी ने लगभग 6 महीने पहले समाजसेवी मीरा राय से अपने आर्थिक तंगी का रोना रोया था. उन्होंने उस वक्त भवली की मदद करने के साथ ही वृद्धावस्था पेंशन के लिए तहसील मुख्यालय से ही ऑनलाइन एप्लीकेशन दी और विभागीय अधिकारियों से मिलकर कार्य किया. कई माह बीत जाने के बाद भी जब भवली देवी की पेंशन उसके खाते में नहीं आई तब मीरा राय ने पता किया तो मालूम चला कि विभागीय कर्मचारी ने वृद्ध महिला को मृत घोषित कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया था.
जिलाधिकारी को दिया ज्ञापन
पता चलने पर मीरा राय ने 14 फरवरी को इस मामले के संबंध में जिलाधिकारी से मिलकर ज्ञापन दिया था. जिलाधिकारी ने आश्वासन भी दिया, लेकिन विभागीय अधिकारी ने तब भी इस पर कोई कार्यवाही नहीं की. दोबारा शिकायत पर जिलाधिकारी ने तत्काल विभागीय अधिकारी को मामले का जल्द निपटारा करने का आदेश दिया. इसके बाद विभागीय अधिकारी खुद एक्टिव हुए और वृद्धा का ऑनलाइन आवेदन कर अगली प्रक्रिया के लिए लखनऊ भेज दिया और बताया कि अगले 3 से 4 दिनों में इसकी ऑनलाइन वेरिफिकेशन के लिए विभाग के पास आएगा जिसे वेरिफिकेशन कर आगे की कार्रवाई की जाएगी. अधिकारियों ने कहा कि जिस भी कर्मचारी की लापरवाही सामने आएगी उसके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी.
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