Ramcharitmanas Controversy: बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर द्वारा रामचरितमानस (Ramcharitmanas) के बारे में की गई टिप्पणी को लेकर विवाद उठा था. अब समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने भी इस ग्रंथ के विषय में विवादित बयान दिया है. मौर्य ने तुलसीदास (Tulsidas) द्वारा रचित रामचरितमानस के कुछ हिस्सों पर यह कहते हुए पाबंदी लगाने की मांग की है कि उनसे समाज के एक बड़े तबके का जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर अपमान होता है. इसके बाद सुभासपा नेता ने एक बड़ा दावा किया है.
सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरुन राजभर ने रामचरितमानस विवाद पर प्रतिक्रिया आई है. अरुन राजभर ने दावा करते हुए कहा, "मौका परस्त नेता श्री स्वामी प्रसाद मौर्य जी जब तक सपा को समाप्तवादी पार्टी बना नहीं देगे तब तक चैन से नहीं बैठेंगे. सपा सुप्रीमो श्री अखिलेश यादव जी भी स्वामी प्रसाद मौर्य जी के बयान से सहमत है इसी लिए कुछ बोल नहीं रहे है."
बीजेपी सांसद से भी किया सवाल
इससे पहले उन्होंने बीजेपी सांसद पर सवाल उठाते हुए कहा, "सपा के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य "श्रीरामचरितमानस"को प्रतिबंधित की बात कर रहे है, बेटी भाजपा से सांसद हैं क्या बेटी भी सहमत है? याद है सपा के ही एक नेता ने श्रीराम जी को काल्पनिक बताया था तो अखिलेश यादव पार्टी से निष्कासित कर दिये थे, क्या अब इनको भी बाहर का रास्ता दिखायेगे."
बता दें कि एमएलसी ने कहा था, "धर्म का वास्तविक अर्थ मानवता के कल्याण और उसकी मजबूती से है. अगर रामचरितमानस की किन्ही पंक्तियों के कारण समाज के एक वर्ग का जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर अपमान होता हो तो यह निश्चित रूप से धर्म नहीं बल्कि अधर्म है. रामचरितमानस में कुछ पंक्तियों में कुछ जातियों जैसे कि तेली और कुम्हार का नाम लिया गया है. यह उन महिलाओं की भावनाओं को आहत करने वाली बात है जो हमारे समाज का आधा हिस्सा हैं."